OpenAI लगातार अपने ChatGPT प्लेटफ़ॉर्म में नए फीचर्स जोड़ रहा है। हाल ही में iOS के लिए Sora ऐप लॉन्च किया गया और ChatGPT में थर्ड-पार्टी ऐप कनेक्टिविटी की घोषणा की गई। अब रिपोर्ट्स और कोड स्ट्रिंग्स से संकेत मिल रहे हैं कि OpenAI, ChatGPT में Clinician Mode और ‘Speak First’ वॉयस फीचर पर काम कर रहा है। तो चलिए इन फीचर्स से जुड़ी पूरी जानकारी बताते हैं….
Clinician Mode क्या है?
Tibor Blaho, जो AIPRM में लीड इंजीनियर हैं, ने हाल ही में ChatGPT के वेब वर्जन में कुछ नए कोड स्ट्रिंग्स शेयर किए हैं। इन स्ट्रिंग्स में ‘Clinician Mode’ का जिक्र है, जो ChatGPT वर्कस्पेस में आने वाला एक नया फीचर बताया जा रहा है। हालांकि OpenAI ने अभी तक इस मोड के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है, लेकिन विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह मोड खास तौर पर मेडिकल या हेल्थकेयर कंसल्टेशन के लिए तैयार किया जा रहा है।
इस मोड के जरिए यूज़र GPT-5 के हेल्थ फीचर्स का इस्तेमाल कर स्वास्थ्य संबंधी सवालों के जवाब पा सकेंगे। इसके अलावा यह यूज़र की लोकेशन, ज्ञान स्तर और व्यक्तिगत संदर्भ के अनुसार सलाह भी दे सकता है। यह फीचर डॉक्टर के विज़िट के पहले या बाद में सप्लीमेंट्री हेल्थ गाइडेंस प्रदान कर सकता है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि Clinician Mode डॉक्टर का विकल्प नहीं है, बल्कि हेल्थ सपोर्ट का एक टूल है जो यूज़र्स को जानकारी और सुझाव देने में मदद करेगा।
ChatGPT ‘Speak First’ वॉयस फीचर क्या है?
कोड स्ट्रिंग्स में एक और फीचर भी सामने आया है, जिसे ‘model speaks first prompt’ कहा गया है। यह फीचर मुख्य रूप से वॉयस मोड के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका मकसद है कि चैटबोट बातचीत की शुरुआत यूज़र को फ्रेंडली तरीके से ग्रीट करने के साथ करे।

इसमें AI, यूज़र की भाषा और लोकेशन को पहचानते हुए कम शब्दों में बातचीत शुरू करेगा। इस फीचर से वॉयस इंटरैक्शन नैचुरल लगेगा। यूज़र को लगेगा कि चैटबोट बातचीत में पहले से मौजूद है और तुरंत उनकी जरूरत समझ रहा है।
लेखक की राय
Chat GPT-5 पहले से ही हेल्थ संबंधी सवालों का जवाब देने में सक्षम है, लेकिन Clinician Mode इसे एक डेडिकेटेड स्पेस देगा। इसका मतलब है कि यूज़र अब खास तौर पर स्वास्थ्य और मेडिकल बातचीत के लिए एक अलग इंटरफ़ेस का इस्तेमाल कर सकेंगे।
यह मोड यूज़र को डॉक्टर से मिलने से पहले या बाद में सप्लीमेंट्री जानकारी लेने में मदद कर सकता है, जिससे यूज़र्स हेल्थ संबंधी डिस्कशन में सुरक्षित महसूस करेंगे। वहीं, मौजूदा वॉयस मोड में यूज़र को पहले बोलना पड़ता है, लेकिन Speak First फीचर इसे बदल सकता है।
इस फीचर के जरिए चैटबोट खुद बातचीत की पहल करेगा और यूज़र को फ्रेंडली अंदाज में ग्रीट करेगा। इससे साफ़ है कि वॉयस इंटरैक्शन नैचुरल और स्मार्ट हो सकता है। यूज़र को लगेगा कि AI उनकी ज़रूरत को समझते हुए बातचीत शुरू कर रहा है।
बता दें, कुछ चुनौतियाँ भी हैं। फिलहाल इन फीचर्स की ऑफ़िशियल रिलीज़ डेट अभी सामने नहीं आई है और केवल कोड में दिखना यह जरूरी नहीं कि ये फीचर्स वाकई में पब्लिक के लिए उपलब्ध होंगे। इसलिए यूज़र को अभी इन फीचर्स को लेकर उत्साहित होने के साथ-साथ थोड़ा धैर्य रखना होगा।
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