OnePlus ने भारत में OxygenOS 16 Open Beta लॉन्च कर दिया है। यह अपडेट फिलहाल उन यूज़र्स के लिए है जो Android 16 आधारित नए फीचर्स को बाकी लोगों से पहले एक्सपीरियंस करना चाहते हैं। यूज़र्स Open Beta के जरिए कंपनी को फीडबैक दे सकते हैं, बग्स रिपोर्ट कर सकते हैं और नए फीचर्स से जुड़े सुझाव भी साझा कर सकते हैं।
OnePlus 15 सबसे पहले ऐसा हैंडसेट होगा जो Android 16 आधारित OS के साथ आउट ऑफ़ द बॉक्स आएगा। बाकी एलिजिबल मॉडल्स को बाद में अपडेट मिलेगा।
एलिजिबल मॉडल्स और क्या है क्राइटेरिया?
OxygenOS 16 Open Beta फिलहाल select OnePlus यूज़र्स के लिए उपलब्ध है। इस बेंटा टेस्ट में शामिल मॉडल्स OnePlus 13, 13s, 13R, OnePlus 12, 12R और OnePlus Open हैं। इंस्टॉलेशन से पहले ध्यान रहे कि आपका फोन लेटेस्ट एलिजिबल सॉफ्टवेयर वर्ज़न पर होना चाहिए, डेटा का बैकअप जरूर लें, बैटरी कम से कम 30% हो और कम से कम 4GB स्टोरेज खाली हो। यह कदम इसलिए जरूरी हैं ताकि आपका अपडेट बिना किसी रुकावट के सुरक्षित तरीके से हो सके।
Beta Version की खास बातें
OxygenOS 16 Beta अपडेट में कुछ नए और दिलचस्प फीचर्स शामिल हैं। इसमें Gallery, Notes और Weather apps को दोबारा डिज़ाइन किया गया है। इससे UI यूजर फ्रेंडली बन गया है। इसके अलावा, अपडेट में Google Gemini AI सपोर्ट भी शामिल है, जिससे स्मार्ट AI-based टूल्स फोन में इंटीग्रेट होंगे। यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है कि चूंकि यह एक Beta वर्ज़न है, इसलिए कुछ थर्ड पार्टी ऐप्स में कंपैटिबिलिटी से जुड़ी परेशानी, क्रैश, लैग, काली स्क्रीन या ज़्यादा बैटरी खपत जैसी समस्याएँ आ सकती हैं।

इनस्टॉल करने के स्टेप्स:
OxygenOS 16 Beta इनस्टॉल करने के लिए इन स्टेप्स को ध्यान से फॉलो करना जरूरी है। सबसे पहले Settings > About Device > Up to Date में जाएँ और अपडेट चेक करें। फिर menu icon > Beta Program पर क्लिक करें और ऑन-स्क्रीन instructions को फॉलो करें। एप्लिकेशन approve होने के बाद आपको OTA अपडेट मिलेगा। अपडेट इंस्टॉल करने के बाद फोन को दो घंटे चार्ज करने के बाद restart करें ताकि सिस्टम पूरी तरह से स्टेबलाइज़ हो जाए।
स्टेबल रिलीज़
OxygenOS 16 का स्टेबल वर्ज़न 16 अक्टूबर 2025 को रिलीज़ होगा। सबसे पहले OnePlus 15 फोन Android 16 बेस्ड OS के साथ आउट ऑफ़ बॉक्स आएगा। बाकी एलिजिबल मॉडल्स को धीरे धीरे अपडेट मिलेगा। इसका मतलब है कि बग से सुरक्षित और पूरी तरह से ऑप्टिमाइज़्ड अनुभव पाने के लिए यूज़र्स को स्टेबल रिलीज़ का इंतजार करना चाहिए।
मेरी राय
अगर हम इसे Vivo के OriginOS 6 से तुलना करें, तो OnePlus की Beta testing थोड़ी कंजर्वेटिव लगती है। यानी पहले केवल select यूज़र्स को ही नए फीचर्स का एक्सेस मिलता है और उनका फीडबैक लेने के बाद ही stable release आता है।
वहीं, Vivo ने अपने AI tools, एनिमेशन्स और नए UI elements को बड़े पैमाने पर हाईलाइट किया है। इसका मतलब यह हुआ कि सामान्य यूज़र्स को भी नए फीचर्स का अनुभव पहले ही देखने को मिलता है और वे पूरे अपडेट का मज़ा उठा सकते हैं।
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