6G Network Speed: बहुत से ऐसे देश हैं जहां पर 6G नेटवर्क की तैयारी शुरू हो चुकी है। वहीं, भारत में 6G की टेस्टिंग होने लगी है। जो कि एक गर्व की बात है। उम्मीद यह भी है कि, ये नेटवर्क आने वाले साल में लॉन्च कर दिया जाएगा।
जानकारी के लिए बता दे कि, कुछ समय पहले भारत ने 6जी नेटवर्क की टेस्टिंग की थी और अब फिलहाल ही में UAE ने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर 6G की सफल टेस्टिंग भी की है। वहीं, 6जी ट्रायल में इंटरनेट की जो स्पीड हासिल हुई है उस देख आप भी हैरान हो जाएंगे।
6G Speed: टेस्टिंग में मिली इतनी स्पीड
आप सभी की जानकारी के लिए बता दें कि, 6जी टेराहर्ट्ज पायलट प्रोजेक्ट के अनुसार टेस्टिंग की गई है। देखा जाए तो, इस ट्रायल के तहत यह पाया गया है कि इंटरनेट की रिकॉर्ड ब्रेकिंग स्पीड 145 Gpbs थी जो 5जी की तुलना काफी बहुत तेज है।
Ookla की रिपोर्ट के मुताबिक, UAE में 2024 के पहली और दूसरी तिमाही में 5जी स्पीड 660.08 Mbps आंका गया था। वहीं, दूसरी ओर आंकड़े यह भी बताते हैं कि, अप्रैल से जून 2025 की अवधि में भारत में औसत डाउनलोड स्पीड 136.53Mbps थी।
टेराहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी के फायदों की बात करें तो ये पायलट प्रोजेक्ट कहीं न कहीं इस बात की ओर इशारा करता है कि 6जी के साथ लो लेटेंसी लिंक और अल्ट्रा हाई कैपेसिटी वाला इंटरनेट एक्सेस करने में काफी सहायता मिलेगी। जानकारी के लिए बता दें कि, 6जी टेक्नोलॉजी हाई एल्टीट्यूड प्लेटफॉर्म, सैटेलाइट, लो लेटेंसी नेचवर्क और फाइबर ऑप्टिक्स के साथ मिलकर काम करती है।

भारत भी कर रहा जोरों-शोरों से 6G की तैयारी
IIT Hyderabad ने विभिन्न सरकारी संस्थानों और विभागों के सहयोग से सितंबर में 6जी तकनीक का प्रोटोटाइप तैयार कर 7 गीगाहर्ट्ज पर सफल टेस्टिंग किया गया था। वहीं, आईआईटी प्रमुख दूरसंचार शोधकर्ता प्रोफेसर किरण कुची ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि भारत में 2030 तक 6G को रोलआउट करने की संभावना है।
उन्होंने आगे यह भी बताया कि 6G न सिर्फ 5जी की तुलना में ज्यादा तेज होगा बल्कि इस नई टेक्नोलॉजी के कारण लोगों को गांव, आसमान, समंदर, शहर और जमीन हर जगह हाई स्पीड कनेक्टिविटी आसानी से मिल जाएगी।
लेखक की राय
6G नेटवर्क की टेस्टिंग में मिली 145 Gbps की स्पीड यह दर्शाती है कि इंटरनेट का भविष्य बेहद तेज़ और स्मार्ट होने वाला है। भारत द्वारा 6G प्रोटोटाइप टेस्ट करना तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इससे देश के ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों तक भी हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंच सकेगा।
अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो 2030 तक भारत डिजिटल क्रांति के नए युग में प्रवेश कर लेगा।
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