Samsung जल्दी ही अपने स्मार्टफ़ोन यूज़र्स को बेहतर नोटिफिकेशन अनुभव देने की तैयारी में है। इसके आने वाले इंटरफेस One UI 8.5 के लीक बिल्ड में एक नया फीचर ‘प्रायोरिटी नोटिफिकेशन’ सामने आया है। यह AI के ज़रिए यह तय करेगा कि कौन-सी चेतावनियाँ आपका ध्यान तुरंत पाना चाहेंगे। यह फीचर आपके ज़रूरी अलर्ट्स को ऊपर दिखाकर उन्हें मिस होने से भी रोकेगा।
नया क्या है – ‘प्रायोरिटी नोटिफिकेशन’ का काम
लीक हुए बिल्ड में यह फीचर दिखा है कि नोटिफिकेशन पैनल में सबसे ज़रूरी अलर्ट्स को अलग सेक्शन में दिखाया जाएगा, जहाँ वे अन्य नोटिफिकेशन्स से ऊपर और अलग तरीके से ग्लो इफेक्ट के साथ होंगे।
इसका उद्देश्य यूज़र को ढेर सारे अलर्ट्स में खो जाने से बचाना है। यह सुनिश्चित करता है कि सबसे ज़रूरी मैसेजेज़ पहले दिखें।
AI + यूज़र कंट्रोल का हाईब्रिड तरीका
यह फीचर सिर्फ AI पर निर्भर नहीं होगा। Samsung ने बताया है कि यह नोटिफिकेशन प्रोसेसिंग डिवाइस में होगी, इसका मतलब डेटा क्लाउड पर नहीं जाएगा। इससे प्राइवेसी बनी रहेगी। साथ ही यूज़र्स को यह विकल्प मिलेगा कि वे किन-किन ऐप्स के नोटिफिकेशन को हाई प्रायोरिटी पर सेट करना चाहें।
कब मिलेगा: रोलआउट का अनुमान
हालांकि Samsung ने अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन रिपोर्ट हैं कि One UI 8.5 का बीटा प्रोग्राम इस साल नवंबर के अंत में शुरू हो सकता था। पूरे वर्ज़न का अनुमान है कि इसे नए Galaxy S26 सीरीज़ के साथ अगले साल शुरू किया जाएगा।

दूसरे प्लेटफार्म्स में क्या है?
ऐसे ही फीचर्स पहले से ही दूसरे प्लेटफार्म्स में दिखाई दे चुके हैं जैसे कि iOS 18.4 में प्रायोरिटी नोटिफिकेशन और Google के पिक्सल डिवाइसेस में प्रायोरिटी कॉन्वर्सेशन मौजूद हैं।
लेकिन Samsung का तरीका थोड़ा अलग है। इसमें AI के साथ यूज़र द्वारा भी कंट्रोल होगा, और प्रोसेसिंग ऑफ-डिवाइस होगी, जिससे प्राइवेसी का पहलू मजबूत होगा।
मेरी राय
मेरी नजर से यह अपडेट खास हो सकता है , क्योंकि हम ऐसे दौर में हैं जहाँ स्मार्टफ़ोन में नोटिफिकेशन की भीड़ हो गई है।सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जब ज़रूरी अलर्ट तुरंत दिखेंगे, तो यूज़र का समय बचेगा और ध्यान कम बधेगा।
ऑफ-डिवाइस प्रोसेसिंग से यह भी लगता है कि Samsung ने प्राइवेसी को ध्यान में रखा है । आजकल यह मायने रखता है। बता दें, कि अभी यह देखना होगा कि AI कितनी सटीकता से ज़रूरी और गैर-ज़रूरी नोटिफिकेशन्स में फर्क कर पाएगा। अगर गलत रैंकिंग हो जाए तो जरूरी अलर्ट्स छूट सकते हैं या अनावश्यक अलर्ट्स को हाई प्रायोरिटी मिल सकती है।
दूसरी ओर, यह देखा जाए कि यूज़र को कितना नियंत्रण मिलेगा। यदि यूज़र को स्वतंत्रता नहीं मिलेगी तो यह फीचर कुछ लोगों को ज़्यादा काम का नहीं लगेगा। इसके अलावा, यह अपडेट कब भारत में आएगा, और कौन-से डिवाइसेस को मिलेगी यह भी अहम होगा।
मुझे लगता है कि यह Samsung के लिए यह स्मार्ट कदम है, और यूज़र्स के लिए एक उपयोगी बदलाव भी हो सकता है। अगर Samsung इसे ठीक से रोल आउट करे, तो नोटिफिकेशन का अनुभव पहले से बेहतर हो सकता है।
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