ऑनलाइन सुरक्षा की चाह रखने वाले यूज़र्स के लिए एक बड़ी चेतावनी सामने आई है। Google ने हाल ही में कहा है कि साइबरक्रिमिनल्स नकली VPN ऐप्स का इस्तेमाल तेजी से कर रहे हैं। ये सब खासकर ब्लैक फ्राइडे जैसी शॉपिंग की अवधि से पहले हो रहा है।
क्या है समस्या?
गूगल की ट्रस्ट एंड सेफ्टी टीम का कहना है कि हाइटेक धोखेबाज ऐसे VPN ऐप्स बना रहे हैं जो दिखने में बिल्कुल भरोसेमंद हैं, लेकिन उनमे मालवेयर छिपा होता है। ये फेक ऐप्स लोकप्रिय VPN ब्रांड्स की नकल करते हैं, और सोशल इंजीनियरिंग ट्रिक्स का सहारा लेते हैं जैसे बहुत बड़ा डिस्काउंट या फ्री एक्सेस का लालच देते हैं।
एक बार जब यूज़र ये ऐप इंस्टॉल कर लेता है, तो ये जासूसी सॉफ्टवेयर, रिमोट एक्सेस ट्रोजन (RAT) और बैंकिंग ट्रोजन जैसे खतरनाक मालवेयर इंस्टॉल कर सकते हैं। इसके चलते ब्राउज़िंग हिस्ट्री, पासवर्ड, निजी मैसेज और क्रिप्टो-वॉलेट जैसी बेहद संवेदनशील जानकारी चोरी हो सकती है।
Google का बचाव क्या है?
Google Play Protect इनेबल करें:
Google सुझाव दे रहा है कि यूज़र Play Protect ऑन रखे, जिससे संदिग्ध ऐप्स को ब्लॉक किया जा सके।
साइडलोडिंग से सावधान रहें:
उन ऐप्स को इंस्टॉल करने से बचें जो ब्राउज़र, मैसेजिंग ऐप या फ़ाइल मैनेजर के जरिए डाउनलोड किए गए हों।
पर्मिशन देखें:
VPN ऐप्स को आमतौर पर आपके कॉन्टैक्ट्स या मैसेज तक एक्सेस की ज़रूरत नहीं होती। अगर कोई ऐप ऐसी मांग करता है, तो सावधान रहें।
ऐप स्त्रोत पर भरोसा करें:
सिर्फ आधिकारिक स्टोर्स जैसे Google Play से ही ऐप डाउनलोड करें।

ओर भी स्कैम ट्रेंड्स जिन पर Google ने चेतावनी दी है
Google की स्कैम रिपोर्ट में सिर्फ VPN नहीं है अन्य खतरनाक ट्रेंड्स में ये शामिल हैं:
- जॉब स्कैम्स: फर्जी नौकरी वेबसाइट और इंटरव्यू सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके डेटा चोरी।
- फर्जी रिव्यू-निकासी का डर : स्कैमर्स नकली एक स्टार रिव्यूज़ करते हैं और फिर पैसे की मांग करते हैं।
- एआई इम्पर्सोनेशन स्कैम्स: स्कैमर्स लोकप्रिय AI ऐप्स की नकल कर के उपयोगकर्ताओं को धोखा देते हैं।
- छुट्टी-खरीदारी स्कैम्स: ब्लैक फ्राइडे और साइबर मंडे के समय नकली ऑनलाइन स्टोर और धोखेबाज़ डील्स बढ़ जाती हैं।
यूज़र के लिए टिप्स
1. ऑफिशियल VPN ऐप्स चुनें। बड़े और विश्वसनीय ब्रांड्स पर भरोसा करें।
2. ऐप इंस्टॉल करने से पहले उसकी समीक्षा (रेटिंग) और डेवलपर की जानकारी देखना न भूलें।
3. बैंकिंग और अन्य संवेदनशील जानकारी शेयर करते समय VPN का लाभ लें, लेकिन वो ऐप सुरक्षित हो ये ज़रूर जांचें।
4. अपने डिवाइस पर एंटीवायरस या सिक्योरिटी ऐप रखें, जिससे मालवेयर चेकर हो सके।
मेरी राय
हर साल ब्लैक फ्राइडे और सेल सीज़न आते ही स्कैमर्स भी एक्टिव हो जाते हैं। इस बार Google की चेतावनी ने एक बात साफ कर दी है। हम जितना ऑनलाइन होते जा रहे हैं, उतना ही साइबर ठगी के तरीके भी स्मार्ट हो रहे हैं। VPN जैसी चीज़, जिसे हम सुरक्षित इंटरनेट के लिए इस्तेमाल करते हैं, वही अगर नकली निकले तो पूरा खेल पलट जाता है।
मुझे लगता है कि यूज़र्स को सिर्फ ऑफर देखकर ऐप डाउनलोड करने की आदत छोड़नी पड़ेगी। असली सुरक्षा सिर्फ अच्छे ब्रांड या डिस्काउंट में नहीं है वो है सही जानकारी और सावधानी में।
आजकल हर फोटो, हर ऐप, हर वेबसाइट असली लगती है, इसलिए भरोसा करना सबसे मुश्किल चीज़ बन गया है।
खासकर जब कोई ऐप आपका डेटा, पासवर्ड या बैंक डिटेल्स चुरा सकता है वो भी आपकी नज़र में आए बिना। इसलिए मेरी राय यही है- ऐप डाउनलोड करने से पहले दो बार सोचें। VPN हो, ब्राउज़र हो या कोई भी ऐप स्रोत हमेशा ऑफिशियल हो और ब्लैक फ्राइडे जैसे सेल सीज़न में, बहुत सस्ता मिल रहा है वाली सोच को लेकर सतर्क रहे।
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