Amazon के संस्थापक Jeff Bezos एक नए AI स्टार्टअप Project Prometheus के को-सीईओ बन गए हैं। यह उनकी पहली ऑफिशियल ऑपरेशनल भूमिका है जब से उन्होंने 2021 में Amazon के CEO पद से इस्तीफा दिया था। इनके स्टार्टअप ने शुरुआती दौर में 6.2 बिलियन डॉलर यानि लगभग ₹55,000 करोड़ की फंडिंग जुटाई है।
कहाँ फोकस है?
Project Prometheus ‘AI for the physical economy’ पर काम करेगा। इससे साफ़ है कि सिर्फ डिजिटल दुनिया जैसे चैटबॉट्स आदि ही नहीं, बल्कि इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल्स, और एयरोस्पेस में भी काम करेगा।
कंपनी में लगभग 100 कर्मचारी हैं, जिनमें OpenAI, DeepMind, और Meta जैसे बड़े AI फर्मों के वैज्ञानिक शामिल हैं। दूसरे Co-CEO Vik Bajaj है जो पहले Google X Moonshot फैक्ट्री में काम कर चुके हैं।
क्या यह मायने रखता है?
यह साफ संकेत है कि भविष्य में AI सिर्फ सॉफ़्टवेयर तक ही सीमित नहीं रहेगा। बड़े-बड़े उद्योगों जैसे फैक्ट्री, एयरोस्पेस आदि में भी AI की दखल बढ़ेगी। Bezos की भागीदारी इस बात का भी भरोसा देती है कि ये स्टार्टअप सिर्फ निवेशक की तरह नहीं, बल्कि एक प्रैक्टिकल और लॉन्ग-टर्म विजन के साथ चलेगी।

फिलहाल यह AI की इंडस्ट्रियल क्रांति की ओर एक बड़ा कदम हो सकता है। जहां मशीनें, रोबोट और ऑटोमेशन AI के ज़रिए पहले की तुलना में अब और भी स्मार्ट और ऑटोमेटेड हो जाएंगे।
संभावित चुनौतियाँ:
इतना बड़ा फंडिंग ऊपर ले जाना आसान नहीं है। प्रोडक्ट और मार्किट में इसे साबित करना होगा। ये फोकस फिजिकल वर्ल्ड पर है, इसलिए हार्डवेयर, रोबोटिक्स और इंजीनियरिंग से जुड़ी कॉम्प्लेक्सिटी बहुत ज़्यादा हो सकती है। इस क्षेत्र me प्रतिस्पर्धा बहुत तेज़ है OpenAI, Google, Meta जैसे बड़े नाम भी AI में बहुत सक्रिय हैं।
मेरी राय
Jeff Bezos का Project Prometheus पारंपरिक AI स्टार्टअप मॉडल से अलग दिखाई दे रहा है। जहाँ अधिकांश AI कंपनियाँ सॉफ्टवेयर आधारित चैटबॉट्स और डिजिटल टूल्स पर केंद्रित हैं, वहीं यह स्टार्टअप अपनी तकनीक को फिजिकल इकॉनमी, जैसे कि फैक्ट्रियों, मशीनों और इंजीनियरिंग प्रक्रियाओं में लागू करने पर ध्यान दे रहा है। Bezos की भागीदारी यह संकेत देती है कि कंपनी का लक्ष्य किसी ट्रेंड का पीछा करना नहीं, बल्कि लंबे समय के लिए एक रणनीतिक दिशा तय करना है।
AI का फिजिकल इकॉनमी में उपयोग बड़े स्तर पर बदलाव ला सकता है। Amazon में Bezos के पिछले काम को देखते हुए यह साफ़ है कि वे बड़े पैमाने पर बदलाव की सोच रखते हैं, और यही दृष्टिकोण Prometheus के भविष्य को निर्धारित कर सकता है।
हालाँकि, इस दिशा में कई चुनौतियाँ भी मौजूद हैं। ये काम आसान नहीं है। इसमें बहुत मेहनत, समय और पैसा लगता है। लेकिन अरबों डॉलर की फंडिंग और एक मजबूत टीम के साथ, यह स्टार्टअप भविष्य में AI की रेस में एक बड़ा नाम बन सकता है।
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