Google लोगों की सुरक्षा को देखते हुए बहुत जल्द ही एक फ्रॉड से बचाव के लिए नया फीचर लॉन्च करने वाला है। वहीं, यह फीचर किसी यूजर के कॉल के दौरान, किसी दूसरे व्यक्ति के साथ अपनी स्क्रीन शेयर करने और उसी दौरान किसी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन ऐप खुला होने पर चेतावनी दर्शाएगा।
देखा जाए तो, अभी इस फीचर की टेस्टिंग Google पे, पेटीएम और नवी के साथ की जा रही है। यह फीचर यूजर को बताएगा कि, कब आपके साथ कॉल स्कैम हो सकती है और कॉल और स्क्रीन शेयरिंग दोनों को एक-टैप पर खत्म करने का ऑप्शन भी देखने को मिलेगा। तो चलिए जानते हैं Google के इस आगामी सेफ्टी फीचर के बारे में विस्तार से…
रीयल-टाइम स्कैम डिटेक्शन टूल
Google कॉल के लिए एक रीयल-टाइम स्कैम डिटेक्शन टूल भी पेश कर रहा है। यह फीचर पिक्सल यूजर्स को संदिग्ध व्यवहार के बारे में चेतावनी देगा, जिसमें ऑडियो, ट्रांसक्रिप्ट रिकॉर्ड नहीं होगा और न ही Google के साथ डाटा कोई भी इन्फोर्मेशन शेयर की जाएगी।
कैसे काम करता है यह फीचर

- गूगल का यह फीचर डिफॉल्ट तौर पर बंद रहता है।
- यह सिर्फ अंजान नंबरों से आने वाली कॉल पर लागू होता है।
- यह फीचर प्रतिभागियों को नोटिफाई करने के लिए एक बीप पैदा करता है।
- खास बात यह है कि, गूगल के इस फीचर को किसी भी वक्त टर्न ऑफ किया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार, Google एक तीसरे फीचर पर भी कार्य कर रहा है। जो कि एन्हांस्ड फोन नंबर वेरिफइकेशन (ePNV) सिस्टम है जो कि पहले ही ग्लोबल स्तर पर देखने को मिल गया है। इतना ही नहीं, इस टेक्नोलॉजी की अब पार्टनर के साथ कई टेस्टिंग भी चल रही है, जिसका उद्देश्य एसएमएस बेस्ड वन-टाइम पासवर्ड को डिवाइस में बिल्ट सिम-बेस्ड वेरिफिकेशन से बदलना है।
Google ने एक ब्लॉग पोस्ट में यह जानकारी दी है कि, उसने साइडलोडेड ऐप्स इंस्टॉल करने के 11.5 करोड़ से ज्यादा प्रयासों को कहीं न कहीं ब्लॉक कर दिया है, जो भारत में फाइनेंशियल फ्रॉड के लिए आमतौर पर प्रयोग की जाने वाली संवेदनशील परमिशन का गलत इस्तेमाल करते हैं। अपनी सिक्योरिटी को और भी ज्यादा मजबूत करने के लिए गूगल पे सिस्टम अब फ्रॉड वाले ट्रांजेक्शन के लिए हर हफ्ते 10 लाख से ज्यादा चेतावनियां देता है।
लेखक की राय
Google का नया स्कैम प्रोटेक्शन फीचर यूजर्स को कॉल और स्क्रीन-शेयरिंग के दौरान होने वाले फ्रॉड से बचाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। रीयल-टाइम अलर्ट, एक-टैप कंट्रोल और मजबूत वेरिफिकेशन सिस्टम इसे और सुरक्षित बनाते हैं। भारत जैसे देश में यह फीचर लाखों यूजर्स के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा।
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