भारत की टैबलेट मार्केट 2025 की तीसरी तिमाही में बड़े दबाव का सामना कर रही है। IDC की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, Q3 2025 में भारत में कुल 1.33 मिलियन टैबलेट यूनिट्स शिप हुईं। यह संख्या पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में लगभग 19.7% कम है। लगातार गिरते शिपमेंट यह संकेत देते हैं कि भारतीय उपभोक्ताओं की डिवाइस प्राथमिकताओं में महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा है। तो चलिए पूरी जानकारी विस्तार से बताते हैं….
टैबलेट की मांग क्यों धीमी हो रही है?
IDC के विश्लेषण के अनुसार, टैबलेट की मांग पर असर डालने वाली कई प्रमुख वजहें सामने आई हैं:
1. स्मार्टफोन्स का विस्तार और बड़े स्क्रीन का ट्रेंड
नए स्मार्टफोन्स अब बड़े डिस्प्ले, हाई-रिफ्रेश रेट और मल्टी-टास्किंग क्षमता के साथ आते हैं। इससे यूज़र्स को अलग से टैबलेट खरीदने की आवश्यकता कम महसूस होती है।
2. 2-इन-1 लैपटॉप और अल्ट्राबुक्स का उछाल
वर्क-फ्रॉम-होम और ऑनलाइन एडक्शन के बाद भारतीय उपभोक्ता अधिक पावरफुल, फुल-कीबोर्ड आधारित डिवाइसेज़ की ओर झुक रहे हैं। हल्के और लंबे बैटरी बैकअप वाले 2-इन-1 लैपटॉप टैबलेट की जगह ले रहे हैं।
3. बजट प्राथमिकताओं का बदलाव
टैबलेट अभी भी एक सेकंडरी डिवाइस की तरह देखा जाता है। ऐसे में जब बजट सीमित हो, तो उपभोक्ता मोबाइल या लैपटॉप को प्राथमिकता देते हैं।
4. कंटेंट कंजम्प्शन पैटर्न में बदलाव
OTT प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन गेमिंग और सोशल मीडिया सभी मोबाइल पर ही आसानी से एक्सेस हो रहे हैं। इससे टैबलेट की भूमिका काफी सीमित हो गई है।
ब्रांड्स की रणनीति पर इसका क्या असर पड़ेगा?
टैबलेट मार्केट की गिरावट ने निर्माता कंपनियों के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। ऐसे में प्राइसिंग को और आक्रामक बनाना पड़ सकता है। कंपनियाँ बच्चों की शिक्षा, प्रोफेशनल यूज़ या एंटरप्राइज़-ग्रेड टैबलेट जैसे विशेष खंडों पर ध्यान बढ़ा सकती हैं। कई ब्रांड्स भविष्य में ज़्यादा स्टाइलस-बेस्ड, बड़े बैटरी वाले और 2-इन-1 क्षमता वाले टैबलेट पेश कर सकते हैं।
IDC ने यह भी संकेत दिया है कि अगले कुछ क्वॉर्टर में ब्रांड्स अपनी प्रोडक्ट स्ट्रेटेजी को पुनर्गठित कर सकते हैं ताकि घटती मांग को संभाला जा सके।

उपभोक्ता बाज़ार में इसका अर्थ
भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए यह ट्रेंड दो संकेत देता है:
1. टैबलेट के दाम घट सकते हैं, जिससे खरीदारी के लिए अच्छा समय बन सकता है।
2. नई टेक्नोलॉजी वाले हाइब्रिड डिवाइसेज़ बढ़ेंगे, जो टैबलेट और लैपटॉप दोनों का अनुभव देंगे।
क्या बाज़ार वापस उभरेगा?
IDC का अनुमान है कि आने वाली तिमाहियों में सुधार इस बात पर निर्भर करेगा कि क्या ब्रांड्स बजट-फ्रेंडली लेकिन पावरफुल टैबलेट पेश करते हैं। क्या शिक्षा और ई-लर्निंग से जुड़े सेगमेंट में फिर उछाल आता है और क्या उपभोक्ता पारंपरिक टैबलेट की बजाय वर्सटाइल 2-इन-1 डिवाइस को चुनते हैं। फिलहाल, गिरता हुआ शिपमेंट और बदलती तकनीकी प्राथमिकताएँ दिखा रही हैं कि भारत में टैबलेट मार्केट को खुद को नया रूप देना होगा।
यह भी पढ़ें: Google ट्रेंड्स रिपोर्ट में Gemini की मजबूत एंट्री, भारत में दूसरा स्थान














