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AI युग में शिक्षा और करियर: Demis Hassabis के दृष्टिकोण से सीखें भविष्य की तैयारी कैसे करें

By Anushka

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Demis hassabis
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आज की दुनिया तेज़ी से बदल रही है, और इस बदलाव का सबसे बड़ा वाहक है – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)। गूगल डीपमाइंड (Google DeepMind) के सीईओ डेमिस हसाबिस (Demis Hassabis) का मानना है कि आने वाला दशक इंसान की कल्पनाओं से भी कहीं ज्यादा परिवर्तनकारी होने वाला है। AI न केवल हमारी नौकरियों को प्रभावित करेगा, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, साइंस और यहां तक कि हमारी सोचने की प्रक्रिया को भी बदल देगा।

Demis Hassabis ने हाल ही में लंदन में आयोजित SXSW सम्मेलन में यह बात साफ़ की कि आने वाले वर्षों में AI के चलते कई पारंपरिक नौकरियां या तो समाप्त हो जाएंगी या उनका स्वरूप पूरी तरह से बदल जाएगा। लेकिन साथ ही, यह नए तरह की नौकरियों और अवसरों के द्वार भी खोलेगा। ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि हम आज से ही भविष्य की तैयारी करें।

STEM शिक्षा: भविष्य की चाबी

Young female student coding on a large digital screen, learning AI and programming in a modern classroom environment.

Demis Hassabis ने छात्रों और युवाओं को सलाह दी है कि वे STEM (Science, Technology, Engineering, Mathematics) शिक्षा पर विशेष ध्यान दें। उनके अनुसार, अगर वे आज छात्र होते, तो AI और कंप्यूटर साइंस का गहराई से अध्ययन करते।

AI की प्रगति ऐसी दिशा में जा रही है कि किसी भी क्षेत्र में काम करने के लिए अब तकनीकी साक्षरता अनिवार्य हो चुकी है। Hassabis का मानना है कि केवल डिग्री हासिल करना ही काफी नहीं है, बल्कि छात्रों को AI टूल्स के साथ काम करने का व्यावहारिक अनुभव भी होना चाहिए।

नौकरियों में बदलाव और नए अवसर

A robotic arm working on circuit boards and technical components in a modern robotics lab, representing emerging job opportunities in AI and automation

Demis Hassabis यह मानते हैं कि जिस तरह औद्योगिक क्रांति ने खेती-किसानी से लेकर फैक्ट्रियों तक का स्वरूप बदला था, उसी तरह AI भी आज की दुनिया को पुनर्परिभाषित कर रहा है। पारंपरिक नौकरियों में कटौती होगी, लेकिन इसके साथ ही नई टेक्नोलॉजी-आधारित नौकरियों का एक बड़ा बाज़ार विकसित होगा।

AI के कारण कार्यकुशलता में सुधार आएगा, और कंपनियाँ उन लोगों को तरजीह देंगी जो नई तकनीकों को अपनाने में माहिर होंगे।

Demis Hassabis का भारत के युवाओं को संदेश

Demis Hassabis ने भारतीय छात्रों को खासतौर पर यह सलाह दी कि वे अपने कौशल को AI-प्रासंगिक बनाएं और रिसर्च, इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप को अपनी पढ़ाई का हिस्सा बनाएं। उनका मानना है कि भारत की विशाल युवा आबादी अगर सही दिशा में आगे बढ़े, तो देश AI युग में ग्लोबल लीडर बन सकता है।

उन्होंने ज़ोर दिया कि अब समय आ गया है जब शिक्षा संस्थानों को पारंपरिक शिक्षा के ढांचे से बाहर आकर छात्रों को तकनीकी और क्रिटिकल स्किल्स से लैस करना चाहिए।

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Anushka

अनुष्का श्रीवास्तव एक ऑनलाइन लेखिका हैं, जिन्हें टेक, लाइफस्टाइल और एजुकेशन जैसे विषयों में विशेष रुचि है। उन्हें SEO फ्रेंडली और आसान भाषा में लेखन का अनुभव है।

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