OpenAI के नए GPT-5 लॉन्च के बाद से ChatGPT Plus यूज़र्स के बीच नाराज़गी बढ़ती हुई नज़र आ रही है। वजह है कम मैसेज लिमिट, पुराने मॉडल्स का हटना और मॉडल की कम इमोशनल प्रतिक्रियाएँ। सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने इसे डाउनग्रेड करार दिया और सब्सक्रिप्शन कैंसल करने की धमकी तक दे दी। आइए विस्तार में समझाते हैं पूरा मामला।
क्यों GPT-5 को माना जा रहा है डाउनग्रेड?
GPT-5 को डाउनग्रेड मानने की सबसे बड़ी वजह इसकी मैसेज लिमिट और फीचर्स में आई कमी है। नए GPT-5 स्टैंडर्ड मॉडल में Plus यूज़र्स को सिर्फ 80 मैसेज हर 3 घंटे में भेजने की अनुमति है, जबकि GPT-5 थिंकिंग मॉडल में हफ़्तेभर में केवल 200 मैसेज की लिमिट है।

इसके उलट, पहले Plus सब्सक्राइबर्स को कई मॉडल्स का एक्सेस मिलता था, जिनमें मैसेज लिमिट काफी ज़्यादा थी उदाहरण के तौर पर o3 में 100 मैसेज प्रति हफ़्ता, o4-mini high में 700 मैसेज प्रति हफ़्ता, और o4-mini में तो 2,100 मैसेज प्रति हफ़्ता तक की सुविधा थी।
GPT-4o भी 80 मैसेज 3 घंटे देता था, लेकिन साथ में दूसरे मॉडल्स के विकल्प भी मौजूद रहते थे। इसके अलावा, कंटेक्स्ट विंडो भी वही 32,000 टोकन्स लगभग 24,000 शब्द पर अटकी हुई है, जबकि बड़े प्लान्स में यह 128,000 टोकन्स लगभग 96,000 शब्द तक जाती है, जिससे लंबी और कठिन बातचीत संभव होती है।
इन बदलावों पर यूज़र्स का कहना है कि उन्हें पहले की तुलना में कम वैल्यू और ज़्यादा पाबंदियां मिल रही हैं।

OpenAI की ओर से क्या कदम उठाए गए?
कंपनी ने अब इस पर करवाई करते हुए GPT-5 Standard की लिमिट अब बढ़ाकर 160 मैसेज / 3 घंटे कर दी है। Plus यूजर्स को GPT-4o का एक्सेस दोबारा दिया जाएगा। साथ ही Open AI सीईओ Sam Altman ने GPT-5 Thinking लिमिट को 1000 मेसेज प्रति हफ़्ता करने का वादा किया है।
GPT-5 लॉन्च के बाद Plus यूज़र्स की सबसे बड़ी शिकायतें क्या हैं?
यूजर्स की ओर से दर्ज की गई शिकायतों में बताया गया की उन्हें पहले मॉडल जैसे लंबी बातचीत का अनुभव नहीं मिल रहा है। इस मॉडल में जवाब छोटे और कम इमोशनल लग रहे हैं। वही कई यूज़र्स ने अचानक पुराने मॉडल्स को हटाए जाने पर भी कंपनी को घेरा है। यूज़र्स का आरोप है कि GPT-5 के कम मैसेज लिमिट से प्रोडक्टिविटी घट रही है।
GPT-5 लॉन्च के साथ सभी उम्मीद लगाए बैठे थे कि नए मॉडल के साथ अलग और बेहतर अनुभव मिलेगा, लेकिन लिमिट्स और परफॉर्मेंस ने कई लोगों को निराश किया। अब कंपनी लिमिट बढ़ाकर और पुराने मॉडल्स वापस लाकर भरोसा जीतने की कोशिश कर रही है, लेकिन असली परीक्षा यूज़र्स के एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने को लेकर है। अब देखना यह होगा कि क्या OpenAI यूजर्स को वह गहराई, निरंतरता और पर्सनलाइजेशन वापस दे पाएगा, जिसकी वजह से उन्होंने पहले सब्सक्रिप्शन लिया था।
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