iPhone: दुनिया तकनीक कि जाल में ऐसा फस गया है जैसा लगता है कि आने वाले कुछ समय में हमे चलने और खाने के लिए भी मेहनत नहीं करनी पड़ेगी, आप सोच रहे होंगे कि मैं ऐसा क्यों बोल रही हूँ क्योंकि आज के समय में दुनिया में हर दिन कुछ न कुछ नया और अलग देखने को मिल रहा है। वहीँ जानकारी के अनुसार, अब आपको कुछ ऐसा देखने को मिलेगा जिसे देख कर आप हैरान हो जायेंगे।
क्योंकि वो आपके सोचने के तरीके को आसानी से और पूरे तरीके से बदल देगा।मैं ऐसा इस लिए बोल रही हूँ क्योंकि बहुत जल्द आपको अब मोबाइल फोन को कंट्रोल करने के लिए न तो हाथों की जरूरत पड़ेगी और न ही आवाज़ की। क्या आप चौक गए? जी हां क्योंकि वे समय बहुत जल्द ही आने वाला है। जब आप सिर्फ अपने दिमाग में कुछ सोचेंगे और आपका iPhone खुद-ब-खुद वो काम कर देगा।
अब तो आप काफी हैरान और सोचने पर मजबूर हो गए होने कि आखिरकार ऐसा कैसे हो सकता है ? तो अब ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है, क्योंकि Apple ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है जो इंसान के सोचने भर से फोन को कंट्रोल करने की ताकत आसानी से और जल्द दे सके। इस तकनीक को “ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस” यानी BCI कहा जाता है। इसका मतलब है कि आपका दिमाग सीधे आपके डिवाइस से बात करेगा बिना किसी स्क्रीन टच के। ये सुनने में कितना मजेदार लगता है ना।
iPhone: BCI टेक्नोलॉजी क्या है ?
आपको बता दें कि, BCI एक ऐसी प्रणाली है जो इंसानी दिमाग और किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के बीच में आसानी से सीधा कनेक्शन यानी कि संबंध बनाती है। मतलब यह कि, अब आपको अपना मोबाइल चलाने या ऑपरेट करने के लिए न आपको टाइप करना पड़ेगा और न टैप करना और न ही स्क्रीन पर स्क्रॉल करना। बस आपको सोचने कि जरूरत है और आपका फोन आसानी से आपके इशारों पर चलने लगेगा।
Apple ने इस दिशा में बड़ी पहल करते हुए न्यूरोटेक्नोलॉजी कंपनी Synchron के साथ हाथ मिलाया है।सूत्रों से मिली जानकारी के हिसाब से ऐसा इसलिए किया गया है कि यह कंपनी बहुत पहले से इस ही BCI डिवाइसेज पर काम कर रही है। सबसे मज़ेदार बात यह है कि Synchron का जो डिवाइस है, वो सर्जरी से इंसानी नसों में फिट किया जाता है और दिमाग के मोटर हिस्से से जुड़कर सिग्नल पढ़ता है।
iPhone: किसे मिलेगा इस टेक्नोलॉजी का लाभ ?
आपको यह भी बता दें कि, इसका सबसे अधिक फायदा उन लोगों को हो सकता है जो किसी बीमारी या हादसे की वजह से बोलने या हाथ-पैर चलाने में असमर्थ हैं। ये टेक्नोलॉजी उनके लिए उनकी दुनिया का एक नया दरवाजा खोल सकती है, जिससे वो अपने विचार दूसरों तक आसानी से और तुंरत पहुंचा पाएंगे।
अमेरिकी संस्था FDA (Food and Drug Administration) ने भी Synchron के डिवाइस को “ब्रेकथ्रू” का दर्जा दिया है। यानी इसमें वो क्षमता है जो भविष्य में लाखों लोगों की जिंदगी आसान बना सकती है।
iPhone: Apple के साथ और कौन सी कंपनी है लगी ?
खोज से पता चला है कि, जहां Apple इस नई तकनीक को iPhone में लाने की तैयारी में जुटी हुई है, वहीं दूसरी ओर दुनिया के सबसे चर्चित और अरबपति एलन मस्क की कंपनी Neuralink भी इसी तकनीक को अपनाने के बारे में सोच रही है। Neuralink ऐसे ब्रेन इम्प्लांट्स पर काम कर रही है जो न्यूरल सिग्नल्स को पढ़कर इंसानी इरादों को समझ सकते हैं।

मिली जानकारी के आधार पर एलन मस्क कि कम्पनी हाल ही में Neuralink ने अपने तीसरे पेशेंट के दिमाग में चिप लगाने में सफलता हासिल की है। इसका मकसद भी बस यही है की इंसान कि सोच से उसका डिवाइस आसानी से ऑपरेट हो जाए।
iPhone: ये टेक्नोलॉजी कब तक आ सकती है ?
एप्पल कि कंपनी कि ओर से यह भी रिपोर्ट्स आ रही हैं कि Apple इस साल के आखिर में यानी कि अंत तक इस टेक्नोलॉजी को अपने डेवलपर्स के बीच ट्रायल के लिए ला सकता है। यानी आने वाले समय में यह टेक्नोलॉजी iPhone का हिस्सा बन सकती है।
iPhone: भविष्य के लिए होगा महत्वपूर्ण ?
ये टेक्नोलॉजी भविष्य के लिए काफी लाभदायक होने वाली हैं क्योंकि जरा सोचिए, जब आप बिना कुछ बोले या किए सिर्फ दिमाग से मैसेज भेज पाएंगे, कोई ऐप तुरंत बिना किसी देरी के आसानी से खुल जाए, या फोटो क्लिक कर पाएंगे। यह सब कुछ सोच कर ऐसा लगता है कि यह कोई साइंस फिक्शन हैं लेकिन ये बहुत जल्द इस दुनिया पर राज़ करने वाला है।