Samsung Galaxy S26: ऐप्पल ने इस साल सितंबर में आईफोन 17 सीरीज को पेश कर दिया है। जो महंगाई और कंपोनेंट की बढ़ती लागत के बावजूद इसकी कीमत में को भी इज़ाफ़ा नहीं देखने को मिला। वहीं, इस शानदार अपग्रेड और बेस स्टोरेज बढ़ने के बावजूद अमेरिका में यह 799 डॉलर में बेचा जा रहा है। जिसके कारण, सैमसंग को इस आईफोन और इसकी कीमत के कारण अपना प्लान बदलना पड़ा है। तो चलिए जानते हैं, आईफोन 17 से सैमसंग को प्लानिंग क्यों बदलनी पड़ी।
अपग्रेड के कारण महंगा हो रहा था गैलेक्सी S26
सैमसंग अगले साल की शुरुआत में Samsung Galaxy S26 सीरीज को लॉन्च करने वाली है। वहीं, इस सीरीज के स्टैंडर्ड Samsung Galaxy S26 में कंपनी कई अपग्रेड देने के बारे में विचार कर रही है। जो इस फोन को Samsung Galaxy S25 की तुलना में 0.3mm पतला बनाना चाह रही थी।
इसी के साथ ही वह इसमें मौजूदा मॉडल की 4,000mAh बैटरी को रिप्लेस कर 4,900mAh का बैटरी पैक देना चाहती है। बहुत सारी अपग्रेड्स के कारण मॉडल की कीमत बढ़ रही थीं जिस वजह से सैमसंग को यह लगा कि अगर अपने स्टैंडर्ड मॉडल को महंगा रखती है तो यह आईफोन 17 के मुकाबले पिछड़ सकता है।
सैमसंग ने कर दिया यह बदलाव

आईफोन 17 के बराबर कीमत रखने के लिए सैमसंग ने अपकमिंग फोन के कई फीचर को कम करने के बारे में सोच रहा है। लेकिन, अब कंपनी इसकी थिकनेस को कम नहीं करेगी। इसी के साथ ही इसमें पहले की प्लानिंग को छोड़कर 4,300mAh का बैटरी पैक दिया जाएगा। इसके अलावा 50MP का अल्ट्रा वाइड कैमरा लेंस देने की प्लानिंग भी रद्द कर दी है।
कीमत कम रखना होगा चुनौती
जानकारी के लिए बता दें कि, अपग्रेड में कटौती के बाद भी सैमसंग के लिए Samsung Galaxy S26 की कीमत को कम रखना काफी चुनौतीपूर्ण होने वाला है। ऐसा इसलिए क्योंकि, कंपोनेंट कोस्ट और महंगी स्टोरेज के कारण सैमसंग को इस फोन पर ज्यादा लागत मिल सकती है। जबकि, क्वालकॉम की फ्लैगशिप चिप के लिए कंपनी को बहुत ज्यादा पैसा चुकाना पड़ रहा है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी कैसे कीमत कम रखने की इस चुनौती से पार पाती है।
लेखक की राय
आईफोन 17 की आक्रामक कीमत ने सैमसंग को अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया है। फीचर्स में कटौती करना कंपनी के लिए आसान फैसला नहीं, लेकिन प्राइस-वार कम्पटीशन में यह जरूरी कदम बन गया। अब चुनौती यह है कि कम अपग्रेड के बावजूद Samsung Galaxy S26 को ग्राहकों के लिए आकर्षक बनाया जाए। आने वाला समय बताएगा कि सैमसंग इस संतुलन को कितनी सफलतापूर्वक साध पाती है।
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