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Airtel का बड़ा फैसला, दो लोकप्रिय डेटा प्लान अब नहीं मिलेंगे!

By Afreen Bano

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Airtel ने भारत में अपने दो बजट डेटा-पैक ₹121 और ₹181 को प्रीपेड सूची से हटा दिया है। ये दोनों पैक लंबे समय से सस्ते डेटा विकल्प के रूप में यूज़र्स में लोकप्रिय थे, लेकिन अब इन्हें कंपनी ने पूरी तरह बंद कर दिया है।

क्या मिलता था इन प्लानों में

₹121 वाले डेटा पैक में 30 दिन की वैधता के साथ डेटा बेनेफिट मिलता था, जबकि ₹181 पैक में न सिर्फ डेटा बल्कि Airtel Xstream Play की प्रीमियम सब्सक्रिप्शन भी शामिल थी। इस OTT एक्सेस की वजह से यह पैक उन यूज़र्स के बीच काफी उपयोग में था जो बिना ज्यादा खर्च OTT देखना चाहते थे।

Airtel की वेबसाइट और ऐप से हटाए गए पैक

दोनों प्लान अब न Airtel Thanks ऐप पर दिखते हैं और न ही कंपनी की वेबसाइट की प्रीपेड रिचार्ज सूची में दिखाई देते हैं। इसका मतलब है कि कंपनी ने इन्हें आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया है और अब इनकी जगह दूसरे विकल्प उपलब्ध रहेंगे।

अब क्या विकल्प बचे हैं

इन प्लानों के हटने के बाद अब एयरटेल का सबसे सस्ता डेटा-पैक ₹100 से शुरू होता है, जिसमें 6GB डेटा और 30 दिन की वैधता मिलती है। हालांकि OTT बेनेफिट पाने के लिए अब यूज़र्स को महंगे रिचार्ज विकल्प अपनाने होंगे।

क्यों कर रही है कंपनी ऐसे बदलाव?

टेलीकॉम सेक्टर में लगातार बढ़ती लागत और ARPU (Average Revenue Per User) सुधारने के दबाव के चलते कंपनियाँ सस्ते डेटा-प्लानों को धीरे-धीरे कम कर रही हैं। इससे पहले भी Airtel ने ₹249 वाला लोकप्रिय 1GB/दिन प्लान हटाया था।

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यूज़र्स पर क्या असर पड़ेगा

कम बजट में हल्का डेटा इस्तेमाल करने वाले यूज़र्स पर इसका सीधा असर दिखेगा। खासकर वे लोग जिन्हें केवल इंटरनेट और OTT का उपयोग करना होता था, अब उन्हें महंगे विकल्प चुनने पड़ सकते हैं।

मेरी राय

Airtel का इन सस्ते डेटा-पैकों को हटाना साफ़ दिखाता है कि टेलीकॉम कंपनियाँ अब लो-कॉस्ट डेटा से धीरे-धीरे दूरी बना रही हैं। 121 और 181 रुपये वाले पैक उन लोगों के लिए राहत थे जिन्हें कम पैसों में इंटरनेट और OTT दोनों चाहिए होते थे।

इन प्लानों की सबसे बड़ी खूबी यह थी कि इन्हें लेने के लिए किसी महंगे रिचार्ज की ज़रूरत नहीं होती थी। छोटे बजट वाले यूज़र्स भी डिजिटल कंटेंट तक पहुँच बना पाते थे। लेकिन अब इन विकल्पों के हटने से यूज़र को मजबूरन या तो महंगे प्लान चुनने होंगे या फिर अपने डेटा उपयोग में कटौती करनी पड़ेगी।

कुल मिलाकर, यह फैसला कंपनियों की कमाई बढ़ाने की रणनीति को दर्शाता है, लेकिन इससे आम यूज़र पर आर्थिक बोझ थोड़ा और बढ़ सकता है। आने वाले महीनों में यह ट्रेंड और तेज़ हो सकता है क्योंकि बाजार धीरे-धीरे प्रीमियमाइजेशन की तरफ बढ़ रहा है।

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Afreen Bano

मैं एक अनुभवी कंटेंट राइटर और मास कम्युनिकेशन में पोस्टग्रेजुएट हूँ। मुझे टेक्नोलॉजी, खासकर स्मार्टवॉच और लैपटॉप जैसे गैजेट्स पर लिखना पसंद है। मेरा उद्देश्य है कि टेक्नोलॉजी से जुड़ी जटिल जानकारियों को आसान, स्पष्ट और उपयोगी भाषा में आम पाठकों तक पहुँचाया जाए। लेखन के माध्यम से मैं तकनीक को समझने और अपनाने की प्रक्रिया को सरल और रोचक बनाना चाहती हूँ।

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