Zoho ग्रुप के हाल में लॉन्च हुए इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप Arattai की प्राइवेसी को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, एक यूजर ने X पर अतरंगी सवाल पूछ लिया है। जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
इसके रिप्लाई में कंपनी के को-फाउंडर श्रीधर वेंबू ने यूजर से ‘Trust me Bro’ कहा यानी मुझपर भरोसा कीजिए। आप सभी को पता है कि, Arattai को WhatsApp का दूसरा विकल्प देखा जा रहा है। स्वदेशी कंपनी का यह इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप लॉन्च के साथ ही लोकप्रिय हो गया है। इस ऐप को रोजाना लाखों यूजर्स डाउनलोड कर रहे हैं।
यूजर ने पूछा अतरंगी सवाल
Ravi (Tamilravi) नाम के X यूजर ने Zoho को को-फाउंडर से एक्स पर Arattai की प्राइवेसी को लेकर अतरंगी सवाल पूछा है। अपने पोस्ट में यूजर ने लिखा है, “सीक्रेट लवर्स को भूल जाइए। क्या पति और पत्नी इस ऐप पर एक-दूसरे के बीच अपनी अंतरंग तस्वीरें भेज सकते हैं? Zoho में वो कौन से लोग हैं, जिनके पास इन तस्वीरों का एक्सेस है? मुझे सीधा उत्तर चाहिए।”
सोशल मीडिया पर यूजर द्वारा पूछा गया यह सवाल जमकर वायरल हो रहा है। इस पर कंपनी के को-फाउंडर श्रीधर वेंबू ने रिप्लाई करते हुए लिखा, ‘मैंने ये साफ-साफ कहा था। हमारी पूरी SAS (स्टैटिकल एनालिसिस सिस्टम) बिजनेस ही भरोसे पर काबिज है। हम किसी भी ग्राहक का डेटा एक्सेस नहीं करते हैं और न ही उनकी सामाग्रियों को बेचते हैं।’
श्रीधर वेंबू ने आगे लिखा है,’एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन एक तकनीकी फीचर है, जो आ रहा है। भरोसा इससे कहीं ज्यादा अनमोल है और हम इसे ग्लोबल मार्केट में रोजाना कमा रहे हैं। हम इसी भरोसे को हर यूजर तक सभी जगह अपने प्रोडक्ट रिव्यू करते समय जारी रखेंगे।’
सोशल मीडिया पर रिएक्शन की बाढ़

Zoho के को-फाउंडर के इस पोस्ट के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कई यूजर्स ने Arattai को WhatsApp से तुलना करते हुए लिखा कि क्या आपको पता है कि वाट्सऐप भी एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड था? वहीं, अन्य यूजर ने लिखा कि वाट्सऐप में भी 2016 तक एंट-टू-एंड एनक्रिप्शन फीचर मौजूद नहीं था। Arattai नया है और इंप्रूव कर रहा है। ऐसे में किसी की आलोचना नहीं करनी चाहिए, जो कुछ अच्छा कर रहा हो।
Arattai ऐप की प्राइवेसी को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स के बीच सामान्य सी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। जिसे लेकर कई यूजर्स ने ऐप की प्राइवेसी पर सवाल उठा दिए तो कई यूजर्स ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है। बता दें कि, कई यूजर्स ने इसे स्वदेशी प्रोडक्ट बताते हुए इसे बढ़ाने में मदद करने के लिए कहा है।
लेखक की राय
Arattai ऐप को लेकर उठे सवाल कहीं न कहीं यह दिखाते हैं कि यूजर्स अब डेटा प्राइवेसी को लेकर पहले से ज्यादा सतर्क हो गए हैं। श्रीधर वेंबू का जवाब भले ही आत्मविश्वास भरा हो, लेकिन केवल “Trust me Bro” कहना तकनीकी भरोसे का विकल्प नहीं हो सकता।
जैसे कि, आप सभी को पता है कि, एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन लागू होने के बाद ही ऐप पर पूरा भरोसा किस जा सकता है। फिर भी, यह पहल सराहनीय है कि एक भारतीय कंपनी WhatsApp जैसी ग्लोबल सर्विस को चुनौती दे रही है।
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