---Advertisement---

भारत के सबसे युवा अरबपति बने Perplexity AI के सीईओ अरविंद श्रीनिवास, सिर्फ एक आइडिया से रच दिया इतिहास

By Afreen Bano

Published On:

Follow Us
Perplexity AI CEO Arvind Srinivas Story इमेज क्रेडिट - TechBiz9

जल्दी कीजिए! अगले 1,000 फॉलोअर्स को मिलेगा खास डिस्काउंट

Join Now

31 साल की उम्र में Perplexity AI के सीईओ अरविंद श्रीनिवास भारत के सबसे युवा अरबपति बन गए हैं। Hurun India Rich List 2025 में उनका नाम शामिल हुआ और उनकी कुल संपत्ति ₹21,190 करोड़ आंकी गई है। ‘चेन्नई बॉय’ के नाम से प्रसिद्ध अरविंद ने अपनी सफलता की कहानी IIT मद्रास में अपनी मां के अधूरे सपने से प्रेरित होकर शुरू की थी। 

अरविंद श्रीनिवास कौन हैं?

अरविंद ने 2017 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डुअल डिग्री पूरी की। कंप्यूटर साइंस में स्विच करना थोड़ा मुश्किल था, लेकिन उन्होंने Python सीखा, Kaggle प्रतियोगिताओं में सफलता पाई और फिर UC Berkeley में AI में PhD की पढ़ाई की। इस दौरान उन्होंने मशीन लर्निंग के लीजेंड Yoshua Bengio के साथ इंटर्नशिप भी की।

2022 में अरविंद ने डेनिस यारत्स, जॉनी हो और एंडी कॉन्विंस्की के साथ मिलकर Perplexity AI की स्थापना की। यह स्टार्टअप Google Search का एक वैकल्पिक विकल्प बनकर उभरा, जो AI और सर्च को मिलाकर कन्वर्सेशनल और वेरिफाइड रिजल्ट्स देता है।

Perplexity AI की सफलता की कहानी

Perplexity AI की सफलता का सफर काफी तेज़ रहा है। मई 2025 में, Bharti Airtel के साथ साझेदारी के ज़रिए भारत के 360 मिलियन उपयोगकर्ताओं को Perplexity Pro मुफ्त में उपलब्ध कराया गया। इससे प्लेटफ़ॉर्म की पहुँच तेजी से बढ़ी। इसके बाद, Perplexity AI ने 30 मिलियन सक्रिय यूज़र्स और 780 मिलियन क्वेरीज़ प्रति माह दर्ज कीं, जो इसके वैश्विक प्रभाव को दर्शाती हैं। 

Arvind Srinivas

जुलाई 2025 तक, कंपनी की वैल्यूएशन $18 बिलियन तक पहुंच गई, जिससे CEO अरविंद श्रीनिवास विश्व के शीर्ष AI टेक लीडर्स की श्रेणी में शामिल हो गए। बता दें, अरविंद पहले Google रिसर्चर रह चुके थे, लेकिन उन्होंने अपनी दृष्टि को पूरा करने के लिए वहां से निकलकर Perplexity AI की स्थापना की। 

उनका उद्देश्य एक पारदर्शी और वेरिफायबल AI-सर्च अनुभव प्रदान करना था, जो उपयोगकर्ताओं को स्पष्ट और सटीक उत्तर देता हो। इस तरह, Perplexity AI ने पारंपरिक सर्च इंजन के मुकाबले एक सॉल्यूशन-ओरिएंटेड और बातचीत पर आधारित AI सर्च मॉडल के रूप में खुद को स्थापित किया।

लेखक के विचार

अरविंद की कहानी युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणादायक है। अगर गहरी तकनीकी समझ और नवाचार हो तो वैश्विक स्तर पर सफलता संभव है। Google जैसी दिग्गज कंपनी छोड़कर अपनी दृष्टि पर विश्वास करके उसे हकीकत में बदलना, यह सीख देता है कि जोखिम लेने वाले ही बड़े मुकाम तक पहुँचते हैं।

यह भी पढ़ें : Sandisk ने भारत में लॉन्च की Creator Series स्टोरेज डिवाइस, जानें कीमत और स्पेसिफिकेशंस

Follow Us On

Afreen Bano

मैं एक अनुभवी कंटेंट राइटर और मास कम्युनिकेशन में पोस्टग्रेजुएट हूँ। मुझे टेक्नोलॉजी, खासकर स्मार्टवॉच और लैपटॉप जैसे गैजेट्स पर लिखना पसंद है। मेरा उद्देश्य है कि टेक्नोलॉजी से जुड़ी जटिल जानकारियों को आसान, स्पष्ट और उपयोगी भाषा में आम पाठकों तक पहुँचाया जाए। लेखन के माध्यम से मैं तकनीक को समझने और अपनाने की प्रक्रिया को सरल और रोचक बनाना चाहती हूँ।

---Advertisement---

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment