BSNL ने बड़ा कदम उठाते हुए eSIM सेवाएं पूरे भारत में शुरू कर दी हैं। इसके लिए BSNL ने टाटा कम्युनिकेशंस के साथ हाथ मिलाया है। अब यूज़र्स को फिजिकल सिम की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि सिर्फ़ एक सुरक्षित QR कोड स्कैन करके eSIM को एक्टिवेट किया जा सकेगा। इससे डुअल-सिम फोन वाले यूज़र्स को फ़ायदा होगा क्योंकि वे फिजिकल सिम के साथ-साथ eSIM भी इस्तेमाल कर पाएंगे।
BSNL eSIM लॉन्च क्यों है खास?
BSNL की नई eSIM सुविधा टाटा कम्युनिकेशंस के मूव प्लेटफार्म पर आधारित है। यह प्लेटफ़ॉर्म GSMA-अक्रीडिटेड सब्सक्रिप्शन मैनेजमेंट सिस्टम है, जो सुरक्षा और वैश्विक मानकों को सुनिश्चित करता है। eSIM की डिलीवरी Tata Communications Collaboration Services Pvt. Ltd. (TCCSPL) के ज़रिए की जाएगी।
इसके साथ ही BSNL अब 2G, 3G और 4G सेवाओं को QR कोड के ज़रिए रिमोटली प्रोविजन करने में सक्षम होगा। अब यूज़र्स को फिजिकल सिम कार्ड बदलने की परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा।
BSNL और टाटा कम्युनिकेशंस की साझेदारी:
BSNL और टाटा कम्युनिकेशंस की यह साझेदारी भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत बनाने की दिशा में अहम कदम है। इस सहयोग से BSNL अपने यूज़र्स को अधिक सुविधाजनक और आधुनिक सेवाएं उपलब्ध करा सकेगा। eSIM की मदद से यूज़र्स को बार-बार सिम बदलने की समस्या नहीं होगी और वे आसानी से नेटवर्क स्विच कर सकेंगे। खासकर, इंटरनेशनल ट्रैवल करने वाले यूज़र्स के लिए यह सुविधा मददगार होगी, क्योंकि वे आसानी से लोकल नेटवर्क से जुड़ पाएंगे।
हाल की BSNL गतिविधियां
हाल ही में BSNL कई अहम कदम उठा चुका है ताकि वह अपनी सेवाओं का दायरा बढ़ा सके। अगस्त में कंपनी ने तमिलनाडु सर्कल में eSIM ट्रायल शुरू किया था। इसके अलावा दिल्ली में BSNL ने अपना 4G नेटवर्क लॉन्च किया। कंपनी ने इंडिया पोस्ट के साथ एक MoU साइन किया है, जिसके तहत अब 1.65 लाख पोस्ट ऑफिस के ज़रिए BSNL के SIM कार्ड और मोबाइल रिचार्ज सेवाएं उपलब्ध होंगी।

इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में BSNL के पूरी तरह स्वदेशी 4G नेटवर्क का उद्घाटन किया, जिसमें 97,500 मोबाइल टावर शामिल हैं। इन टावरों का निर्माण घरेलू तकनीक से हुआ है और इस प्रोजेक्ट पर लगभग 37,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
मेरी राय
BSNL का यह कदम डिजिटल इंडिया को और मज़बूत बनाएगा। Jio और Airtel पहले से eSIM सर्विस दे रहे हैं और उनके यूज़र्स को इसकी आदत भी पड़ चुकी है। अब BSNL का इस रेस में उतरना ज़रूरी था। अंतर बस इतना है कि BSNL अभी भी 4G नेटवर्क विस्तार और यूज़र एक्सपीरियंस के मामले में पीछे है।
लेकिन टाटा कम्युनिकेशंस जैसे टेक दिग्गज के साथ आने से ये कमी काफी हद तक पूरी हो सकती है। अगर BSNL eSIM और 4G और 5G अपग्रेडेशन पर लगातार काम करता रहा, तो यह कंपनी दोबारा प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों के बराबर खड़ी हो सकती है।
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