जिस तरह देश ChatGPT में आगे बढ़ रहा है। उसी तरह ही साइबर ठगी के मामले भी सामने आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार, लिंक, OTP और ईमेल के माध्यम से लोगों को शिकार बनाया जा रहा है।
लेकिन अब ठीक उसी तरह ChatGPT भी यही काम कर रहा है। हैरान हो गए, लेकिन यह बात सच है। बता दें कि, हाल ही में नेट क्राफ्ट की एक रिपोर्ट में ऐसा खुलासा किया गया है कि AI टूल्स पर अब भरोसा नहीं किया जा सकता है। क्योंकि, आगे चलकर लोग इसका आसानी से शिकार हो सकते हैं।
ChatGPT ने दिया 34% गलत URL
आपने कई बार ऐसा नोटिस किया होगा कि जब हम ChatGPT से कोई सवाल पूछते हैं तो उसका आउटपुट हमेशा टैक्स में नहीं आता बल्कि कई बार तो यूआरएल भी मिलते हैं। वहीं इस रिपोर्ट में यही बताया गया है कि कई बार तो ChatGPT गलत URL दे देता है और गलत यूआरएल की वजह से बड़े पैमाने पर लोग फिशिंग का शिकार हो रहे हैं।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि, OpenAI के GPT-4.1 मॉडल से फाइनेंस, रिटेल, टेक और यूटिलिटी जैसे इंडस्ट्रीज के 50 कई अलग अलग ब्रैंड्स में लॉगिन करने के लिए वेबसाइट लिंक मांगते है। हैरानी की बात तो यह है कि चैट बॉक्स ने 66% सही यूआरएल दिए लेकिन 34 % मामले गलत दिए गए थे।
जिसे लेकर रिपोर्ट ने यह दावा किया है कि इन गलत लिंक में कुछ ऐसे खतरनाक लिंक भी हो सकते हैं जो यूजर्स के लिए समस्या का कारण बन सकते हैं। क्योंकि उस लिंक पर अगर यूजर क्लिक करता है तो हो सकता है कि वह अपना सारा पैसा या फिर अकाउंट खो बैठे।
AI पर ना करें आंख मूंद कर भरोसा
इन मामलों को देखते हुए यह बात साफ हो गई है कि AI टूल पर जितने भी रिजल्ट दिए जाते हैं उन पर आंख बंद करके भरोसा करना अब सही नहीं होगा। वहीं अगर लिंक में जवाब आता है तो एक बार क्लिक करने से पहले जरूर सोचना चाहिए कि यह लिंक सही है या नहीं।
Perplexity AI पर भरोसा करना सही?
अगर आप मेरी बातों को अभी गलत समझ रहे होंगे तो उदाहरण के तौर पर, जब Chat GPT से Wells Fargo के बारे मैं पूछा गया तो Perplexity AI ने फिशिंग साइट का लिंक परोस दिया।
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