ChatGPT अब आपके सवालों का जवाब नहीं देगा क्योंकि, अब काम करेगा दो गुना। जी हां अब आप सोच रहे होंगे ऐसा क्यों तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, कंपनी बहुत जल्द माइक्रोसॉफ्ट के एक्सेल और पावर पॉइंट जैसे टूल्स को टक्कर देने की तैयारी कर रहा है।
इसके लिए कंपनी ChatGPT में कुछ ऐसे टूल्स को जोड़ रही है जो एक्सेल और पावर पॉइंट जैसे आपके काम को कम समय में करके दे देगा। जी हां, ChatGPT इस नए फीचर को अपनाता है तो बच्चों के लिए स्कूल का काम करना और लोगों के लिए ऑफिस का काम करना पहले की अपेक्षा बहुत आसान हो जाएगा।
कैसे तैयार होंगी स्प्रेडशीट और प्रेजेंटेशन?
एक रिपोर्ट के अनुसार, OpenAI अपने ChatGPT में एक ऐसे टूल को जोड़ने की तैयारी कर रहा है। जिससे ऑफिस का काम करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। वहीं अगर ये टूल्स एड ऑन हो जाता है तो प्रेजेंटेशन और स्प्रेडशीट बनाने की सुविधा और भी सहज हो जाएगी।
अब आप सोच रहे होंगे कि यह फाइल कैसे बनेंगी? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, फाइल ओपन सोर्स फॉर्मेट का इस्तेमाल करके बनाई जाएगी जो माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के साथ पूरी तरह से कंपैटिबल होगी। खास बात यह है कि आपको अलग-अलग काम करने के लिए अलग ऐप पर नहीं जाना पड़ेगा।

क्योंकि ChatGPT में आपको चार्ट टेबल स्लाइड बनाने के लिए बटन सब कुछ मिलेगा। और यह आपको गाइड भी करेगा ऑप्शन के साथ।
चैटजीपीटी में आने वाले ये नए टूल आसानी और तेजी से काम करेगा। खास बात यह है कि इस टूल के आ जाने से आप Microsoft 365 के महंगे सब्सक्रिप्शन से आसानी से बच जाएंगे।
इसी के साथ OpenAI एक ऐसे पावर्ड सिस्टम पर काम कर रहा है जिससे कि स्प्रेडशीट और प्रोजेक्शन बल्कि मीटिंग शेड्यूल करने रिपोर्टिंग बनाने यहां तक की बेसिक वेब बेस्ड एक्शन जैसे काम करने में भी मदद करेगा।
Microsoft की बढ़ सकती हैं मुश्किलें ?
वहीं अगर AI एजेंट अपने काम में पास हो गया तो यह ChatGPT एक वर्चुअल प्रोडक्टिविटी असिस्टेंट बनकर सबके सामने आएगा। लेकिन अभी तक ओपनएआई की तरफ से इसके आधिकारिक लॉन्च टाइमलाइन नहीं बताई गई है। लेकिन ये टूल के आ जाने पर माइक्रोसॉफ्ट की परेशानी बढ़ सकती है क्योंकि उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
किन टूल्स पर होंगी कुछ सीमाएं ?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस टूल से सब कुछ आसान नहीं होने वाला है। क्योंकि शुरुआत में यह यूजर के लिए परेशानी खड़ा कर सकता है। लेकिन अगर ओपनएआई इन सभी समस्याओं को दूर कर देती है तो ChatGPT प्रोडक्टिविटी प्लेटफार्म बनकर उभरा जाएगा।
ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि मौजूदा प्रोटोटाइप की कुछ सीमाएं भी होती है जी हां जैसे की रियल टाइम कार्लोबरेशन स्पीड और क्लाउड स्टोरेज इत्यादि। अगर यह सही टाइम पर नहीं होते हैं तो कार्य करने में परेशानी होती है।
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