टेक्नोलॉजी ने इंसानों का काम बेहद आसान कर दिया है। बात की जाए ChatGPT की तो यह हर इंसान का एक अहम हिस्सा बन गया है। क्योंकि ये कई घंटों के काम को कुछ मिनट में करके दे देता है। धीरे धीरे ChatGPT पर लोगों की निर्भरता बढ़ती ही जा रही है।
लेकिन, क्या आपको इस बात की जानकारी है कि AI हमारे जीवन को धीरे धीरे तबाह कर रहा है? आप सोचे रहे होंगे कैसे ? तो एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि, AI के कुछ टूल लोगों को मूर्ख बना रहे है। या यह भी कहा जा सकता है कि जब से एआई आया है लोग अपने दिमाग का इस्तेमाल कम करने लगे हैं।
ChatGPT कम कर रहा है लोगों की बुद्धि ?
एक अध्ययन से यह पता चला है कि, पहले लोग किसी भी काम को करने के लिए अपने दिमाग का इस्माल किया करते थे। लेकिन अब एक छोटा सा प्रोजेक्ट भी रहता है तो लोग तुरंत ChatGPT का प्रयोग करने लगते हैं। जिससे लोगों की सोचने और समझने कि क्षमता कम हो रही है। जो आगे चलकर यह लोगों के लिए काफी खतरनाक हो सकता है।

अध्ययन से हुआ चौंकाने वाला खुलासा
इस अध्ययन में सभी शोधकर्ताओं ने एक ग्रुप बनाया। जिसमें 18 साल से 39 वर्ष के 54 छात्रों को ग्रुप में बांट दिया। जिसके बाद सभी को कहा कि तुम लोग AI की मदद से एक निबंध लिखो। इस दौरान शोधकर्ताओं ने इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राफी की मदद से सभी स्टूडेंट के मस्तिष्क पर नज़र रखा।
जब रिजल्ट सामने आया तो वह काफी गंभीर था। क्योंकि, वह ChatGPT AI टूल की मदद ले रहे थे। जिससे उनका माइंड एक्टिविटी बहुत कम और स्लो दिखाई दे रहा था। जिससे यह बात साफ हो गई कि एआई की सहायता से लोगों अपने दिमाग का ज्यादा इस्तमाल नहीं कर रहे हैं। जिससे उनके दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। देखा गया कि जिन स्टूडेंट ने एआई की मदद से निबंध लिखा था उनकी याद और स्मरण की क्षमता भी काफी कमजोर थी।
बिना AI वाले बच्चे निकले शानदार
वहीं दूसरी तरफ जिन छात्रों ने बिना AI टूल की सहायता से निबंध लिखा था उनका दिमाग काफी तेज और सक्रिय था। ऐसे में उनके दिमाग में क्रिएटिविटी और मेमोरी का बढ़िया तालमेल देखने को मिल रहा था।
क्योंकि उन सभी बच्चों ने अपने दिमाग का इस्तेमाल घर एक शानदार निबंध लिखा था। खास बात यह रही कि वह निबंध उन बच्चों को याद भी था। वहीं जिन्होंने AI टूल का इस्तेमाल करके लिखा था इन्हें बिल्कुल याद नहीं था।
इस बीच, जिन छात्रों ने बिना किसी डिजिटल टूल की मदद के काम किया, उनमें मस्तिष्क की सबसे अधिक सक्रियता देखी गई. ऐसे छात्रों के काम में क्रिएटिविटी और मैमोरी का बढ़िया तालमेल दिखाई दिया, क्योंकि स्टूडेंट्स ने अपने दिमाग का इस्तेमाल कर क्रिएटिविटी दिखाते हुए निबंध लिखा जिससे बच्चों को निबंध याद रखने में परेशानी नहीं हुई
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