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Data Center: OpenAI भारत में खोलेगा पहला, जानें क्या है और कैसे करेगा काम

By Priti Yadav

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Data Center

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AI पूरी दुनिया में छा गया है। वहीं इसे लेकर भारत के लिए एक बड़ी खबर है। बता दें कि, Open AI भारत में जल्द अपना Data Center ओपेन करना चाहता है। और यह कदम भारत को टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ाने के लिए काफी अच्छा माना जा रहा है।

बता दें कि, आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सर्विस और डिजिटल इकोनामी को और भी बेहतर बनाएगा। लेकिन लोगों के मन में यह भी सवाल है कि आखिर यह Data Center होता क्या है ? और यह कैसे काम करता है और यह हमारे लिए कैसे काम करेगा तो चलिए जानते हैं डेटा सेंटर के बारे में विस्तार से…

Data Center क्या है?

सूत्रों के अनुसार, Data Center को एक डिजिटल लाइब्रेरी की तरह आप देख सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जैसे की लाइब्रेरी में किताबें सही ढंग से रखी जाती है और लोग उन्हें पढ़ते हैं लेते हैं वैसे ही डेटा सेंटर में सर्वर और स्टोरेज डिवाइस होते हैं।

जिनमें वेबसाइट, एप्स, ईमेल, फोटो, वीडियो, ऑडियो एवं इंटरनेट से जुड़ी हर एक चीज है जो डेटा सेंटर में स्टोर रहती है।जिससे जब भी आपको किसी भी चीज की जरूरत पड़े वो समय पर आपको तुरंत मिल जाए।

आपके किस काम का है डेटा सेंटर?

Data Center हमारे जीवन में काफी मायने रखते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि यूट्यूब और नोटिफिकेशन पर जब भी आप वीडियो देखते हैं तो वह Data Center के सर्वर से स्ट्रीम होते हैं। वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो ऑनलाइन शॉपिंग में प्रोडक्ट की डिटेल डेटा सेंटर में ही रहती है।

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क्लाउड स्टोरेज, गूगल ड्राइव या गूगल फोटो पर आपकी फोटो फाइल डेटा सेंटर में कहीं ना कहीं सेव रहती है और यह 24 घंटे 7 सप्ताह अवेलेबल रहता है और यह सर्वर लगातार चलता रहता है ताकि आपको कभी भी तुरंत जानकारी दे सके।

डेटा सेंटर में पानी और इलेक्ट्रिसिटी खर्च

बता दें कि, किसी भी डेटा सेंटर को चलाने के लिए बहुत ज्यादा पावर और पानी की आवश्यकता होती है। वहीं सर्वर लगातार चलते हैं और हीट जेनरेट भी करते रहते हैं, जिन्हें ठंडा करने के लिए पानी का इस्तेमाल किया जाता है।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के अनुसार, 1 मेगावाट का छोटा डेटा सेंटर हर साल 2.6 करोड़ लीटर पानी का उपयोग करते है। वहीं देखा जाए तो OpenAI का भारत में जो डेटा सेंटर बनाने जा रहा है। उसे 1 गीगावाट तक बनाया जा सकता है। जिससे पानी और इलेक्ट्रिसिटी में काफी खर्चा देखने को मिलेगा। हालांकि, अब कंपनियां ग्रीन डेटा सेंटर पर जोर दे रही हैं जो सोलर एनर्जी और विंड एनर्जी से चलते हैं।

भारत के लिए क्यों है खास?

जानकारी के लिए बता दें कि, इन सभी चीजों से भारत में ChatGPT जैसी सर्विसेस की स्पीड और क्वालिटी पहले से ज्यादा अच्छी हो गई है। जिसकी सहायता से अब टेक सेक्टर में हजारों नई नौकरियां देखने को मिलेगी। इसी के साथ भारत के लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। भारतीय यूजर्स का डेटा देश के अंदर स्टोर होने से सेफ्टी बढ़ेगी।

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Priti Yadav

प्रिति यादव एक अनुभवी कंटेंट राइटर हैं, जिनके पास कई वर्षों का अनुभव है। इन्होंने कई नामी न्यूज़ पोर्टल्स और कंपनियों के साथ काम किया है। सभी बीट्स पर लिखने में निपुण हैं, लेकिन इनकी सबसे पसंदीदा बीट है टेक्नोलॉजी। नई तकनीक को सरल भाषा में समझाना इनकी खासियत है।"

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