चीन की स्टार्टअप DeepSeek ने AI की दुनिया में फिर से दस्तक दी है। कंपनी ने दो नए मॉडल – V3.2 और V3.2‑Speciale लॉन्च किए हैं। इनका उद्देश्य दुनिया के बड़े AI मॉडल्स जैसे GPT‑5 और Gemini 3 Pro को टक्कर देना है। खासकर मुश्किल गणित, कोडिंग और तार्किक रीजनिंग के मामले में ये मॉडल अलग पहचान बना रहे हैं। तो चलिए पूरी जानकारी विस्तार से बताते हैं…
नया क्या है: V3.2 और V3.2‑Speciale की खासियतें
V3.2 मॉडल:
इसे reasoning-first AI कहा जा रहा है। इसका मतलब है कि यह सामान्य चैट AI की तुलना में सोचने‑समझने और लॉजिक पर अधिक ध्यान देता है।
V3.2‑Speciale मॉडल:
यह खास रूप से कठिन समस्याओं, गणित और कोडिंग जैसी चुनौतियों के लिए बनाया गया है। कंपनी के अनुसार, इसने 2025 के अंतरराष्ट्रीय गणित और इनफॉर्मैटिक्स ओलंपियाड स्तर का प्रदर्शन दिया है।
उपलब्धता:
V3.2 अब ऐप और वेबसाइट पर डिफ़ॉल्ट मॉडल है, जबकि V3.2‑Speciale फिलहाल केवल API के माध्यम से उपलब्ध है।
क्यों है यह महत्वपूर्ण: AI की वैश्विक दौड़ में चीन की वापसी
पहले यह माना जाता था कि उन्नत AI मॉडल्स बनाने के लिए अरबों डॉलर और विशाल GPU क्लस्टर की जरूरत होती है। DeepSeek ने दिखा दिया कि कम संसाधनों और स्मार्ट आर्किटेक्चर के माध्यम से भी विश्वस्तरीय AI मॉडल बनाए जा सकते हैं।

2025 की शुरुआत में, DeepSeek‑R1 ने अमेरिकी ऐप स्टोर पर टॉप डाउनलोडेड फ्री ऐप बनकर साबित किया था कि चीन भी AI की वैश्विक दौड़ में बराबरी के खिलाड़ी बन चुका है।
भविष्य की दिशा: क्या भारत भी तैयार है?
DeepSeek के नए मॉडल यह संकेत देते हैं कि AI अब सिर्फ पश्चिमी कंपनियों तक सीमित नहीं है। भारत और अन्य विकासशील देशों के लिए यह अवसर है कि वे AI का इस्तेमाल सस्ता और प्रभावी तरीके से कर सकें।
साथ ही, यह याद रखना जरूरी है कि AI अभी भी पूर्ण नहीं है। गलत जानकारी, प्राइवेसी और बायस जैसी समस्याएँ अभी भी हैं।
यह भी पढ़ें: UIDAI ने लॉन्च किया नया फीचर, अब घर बैठे बदलें अपना आधार मोबाइल नंबर!











