EU के AI Code को लेकर हाल ही में अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों में मतभेद देखने को मिला। दरअसल 2 अगस्त से EU में नया जनरल पर्पज़ AI रेगुलेशन लागू होने जा रहा है। Google और OpenAI जैसे बड़े नामों ने EU का AI Code साइन किया हुआ है। अब इसी कोड को लेकर बहस जारी है। Meta ने कोड पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि ये AI Act की सीमा से बाहर है। वही Google ने भी कुछ शर्तों पर इसे साइन किया है, कंपनी का कहना है कि वो इससे यूरोप के AI स्पीड पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंतित हैं।
EU के AI Code के क्या हैं नियम?
इसमें जनरल पर्पज़ AI मॉडल्स के लिए गाइडलाइन निर्धारित की जाती हैं। EU Code of Practice for General Purpose AI Models, ये ऐसे AI सिस्टम पर लागू होते हैं, जो मल्टीफंक्शनल होते हैं उदाहरण के लिए ChatGPT, Gemini आदि। इसमें मॉडल्स के काम करने की स्पष्टता, नुक़सान या गड़बड़ी को लेकर ज़िम्मेदारी और अधिकारों से संबंधित कॉपीराइट प्रोटेक्शन जैसे नियम शामिल होते हैं।
कब से शुरू होंगे AI Code के नए नियम?
EU के AI Code के ये नियम 2 अगस्त 2025 से लागू होंगे। इसके तहत सभी AI मॉडल प्रदान करने वाली कंपनीज को इसका पालन करना होगा। इसका उद्देश्य यूरोप में सुरक्षित, स्पष्ट और बिना किसी पक्ष के AI के विकास को आगे बढ़ाने का है।
कौन है समर्थन में और कौन कर रहा है विरोध?
समर्थन की बात करे तो EU के AI Code को Google, OpenAI और Mistal AI का सपोर्ट मिला है, बताते चले की Google ने कुछ शर्तों के साथ इसको साइन किया है।
Meta ने कोड को साइन नहीं किया है। उसका कहना है कि ये कोड AI Act के नियमों से परे होने के कारण तय नियमों की सीमा से बाहर जा सकते है। यही नहीं Meta ने ये भी कहा कि इन्हें इस चीज़ को लेकर डर सता रहा है कि ये कोड भविष्य में स्पष्ट नियम ना होने के कारण और ज़िम्मेदारियाँ थोप सकते है, जो AI मॉडल बनाने वाली कंपनियों की राह में बाधा बन सकती है। साथ ही इससे भविष्य में कानूनी विवाद या जुर्माने का खतरा भी बढ़ेगा।
वही और बड़ी कंपनियाँ जैसे कि Airbus, Lufthansa ने इन कोड से तकनीकी तरक्की प्रभावित होने और ग्लोबल AI रेस में उसकी स्थिति को नुकसान पहुँचने का संदेह जताया है।

Meta vs EU: पहले भी देखने को मिल चुका है टकराव
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि Meta इससे पहले भी EU के डिजिटल विज्ञापन के नियमों का विरोध कर चुका है। अब फिर से AI कोड पर विरोध उसी टकराव का अगला चरण माना जा रहा है। दरअसल इससे पहले कंपनी ने EU के विज्ञापन को लेकर बनाए हुए नियम को अपनाने से इनकार किया था और राजनीतिक विज्ञापन पर बैन लगाने का फैसला लिया था।
EU के AI कोड ट्रांसपेरेंसी और ज़िम्मेदारी को बढ़ावा देने का काम करते है, लेकिन Google और Meta जैसे दिग्गज कंपनियों को डर है कि कहीं यह उनके इनोवेशन की रफ्तार को धीमा ना कर दे।
कुल मिलाकर ये आने वाले समय में पता चलेगा कि कितनी कंपनियाँ इस कोड को अपनाती हैं, और क्या वाकई इससे यूरोप के AI रेस में किसी प्रकार का प्रभाव पड़ सकता है।
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