दिल्ली पुलिस की Crime Branch ने एक बड़े Cyber Fraud का पर्दाफाश किया है जिसमें एक फर्जी होटल बुकिंग वेबसाइट के ज़रिये यात्रियों को ठगा गया। मामले की शुरूआत तब हुई जब एक पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई कि उसे होटल बुक करने के नाम पर ठगा गया।
मामला क्या हुआ?
पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपी ने खुद को एक प्रसिद्ध होटल बुकिंग प्लेटफॉर्म का कस्टमर-सपोर्ट एग्जीक्यूटिव बताया और यूज़र्स को विश्वास दिलाकर अपने नकली प्लेटफॉर्म पर ले जाया।
Cyber Fraud: क्या तरीके से ठगी होती थी?
1. फर्जी वेबसाइट दिखाकर यूज़र्स को बुकिंग के लिए कहा जाता था।
2. बातचीत के दौरान आरोपी ने यूज़र्स से OTP और UPI क्रेडेंशियल्स हासिल किए।
3. इन डिटेल्स का इस्तेमाल कर पीड़ितों के अकाउंट से ₹57,186 से अधिक की अनऑथराइज़्ड ट्रांजैक्शन्स कर ली गईं।
4. पुलिस को पता चला कि आरोपी ने रकम का इस्तेमाल अपने क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने में किया।
गिरफ्त में कौन आया?
पुलिस ने मुख्य आरोपी 26 वर्षीय प्रतोष कुमार को गिरफ्तार किया है। वह बिहार के शेखपुरा का रहने वाला है और वर्षों से Cyber Fraud में संलिप्त था। जांच के दौरान उसके पास से कई मोबाइल फ़ोन, फर्जी आधार कार्ड और डिजिटल सबूत बरामद हुए।

शिकायतों का नेटवर्क
पुलिस को मिले सबूतों से पता चला कि आरोपी के कई नंबर National Cybercrime Reporting Portal (NCRP) पर दर्ज 29 से अधिक शिकायतों से जुड़े थे। इसका मतलब इस गिरोह से और भी कई लोगों को नुकसान हुआ है।
Cyber Fraud से बचने के टिप्स
- कभी भी OTP/UPI PIN किसी के साथ शेयर न करें।
- होटल या बुकिंग एजेंसी की वेबसाइट हमेशा सरकारी या भरोसेमंद प्लेटफॉर्म्स से ही खोलें।
- अगर ऑफ़र बहुत बढ़िया लगे, तो उसकी पारदर्शिता व वैधता ज़रूर चेक करें।
- किसी भी ससपेक्ट लिंक या नंबर पे पैसे भेजने से पहले ऑफिसियल कस्टमर‑केयर से पुष्टि लें।
यह केस बताता है कि डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन ट्रैवल की दुनिया में भी साइबर धोखाधड़ी का खतरा बढ़ा है। खासकर जब तक यूज़र सतर्क नहीं होंगे। ऐसे मामलों से बचने के लिए सजगता और सही जानकारी दोनों बेहद ज़रूरी हैं।











