भारत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। ग्लोबल AI प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में भारत ने तीसरा स्थान हासिल कर दुनिया को अपनी तकनीकी ताकत का एहसास कराया है।
क्या है Global AI Competitiveness Index?
Global AI Index एक अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग है, जो यह बताती है कि कोई देश AI के मामले में कितना सक्षम है। इसमें AI रिसर्च, टैलेंट, सरकारी नीतियां, इंफ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्री में AI के इस्तेमाल जैसे कई पैमानों को शामिल किया जाता है।
भारत को मिली कौन-सी रैंक?
इस लेटेस्ट AI रैंकिंग में भारत ने तीसरा स्थान हासिल किया है। भारत से आगे केवल अमेरिका पहले नंबर पर और चीन दूसरे नंबर पर हैं। भारत ने कई विकसित देशों को पीछे छोड़ दिया है।
भारत की रैंकिंग क्यों सुधरी?
भारत में AI टैलेंट तेजी से बढ़ रहा है। बड़ी संख्या में डेवलपर्स, इंजीनियर्स और स्टार्टअप्स AI पर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही सरकारी स्तर पर भी AI को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं।
AI टैलेंट बना भारत की ताकत
भारत आज दुनिया के सबसे बड़े टेक टैलेंट हब्स में से एक बन चुका है। AI और डेटा साइंस से जुड़े प्रोफेशनल्स की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे भारत की ग्लोबल पोज़िशन मजबूत हुई है।

सरकार की भूमिका भी अहम
सरकार की ओर से शुरू किए गए AI मिशन और डिजिटल इंडिया जैसी पहल ने AI रिसर्च और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती दी है। इससे स्टार्टअप्स और कंपनियों को AI पर काम करने का बेहतर माहौल मिला है।
किन देशों को भारत ने पीछे छोड़ा?
भारत ने इस AI रैंकिंग में यूके, दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया है। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
अभी कौन-सी चुनौतियां बाकी हैं?
हालांकि भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, लेकिन अमेरिका और चीन से अभी भी काफी अंतर है। एडवांस AI मॉडल्स, रिसर्च और भारी निवेश के मामले में भारत को अभी और मेहनत करनी होगी।
मेरी राय
Global AI Index में तीसरा स्थान यह दिखाता है कि भारत तेजी से AI सुपरपावर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। आने वाले समय में अगर रिसर्च और इनोवेशन पर और ज़ोर दिया गया, तो भारत AI की दुनिया में और बड़ी भूमिका निभा सकता है।
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