Google DeepMind ने अपना नया AI एजेंट SIMA 2 पेश किया है, जो वीडियो गेम्स में इंसान की तरह सोच सकता है, प्लान बना सकता है और गेम की दुनिया को खुद एक्सप्लोर कर सकता है। तो चलिए पूरी जानकारी बताते हैं….
क्या है SIMA 2?
SIMA 2 एक AI सिस्टम है जो गेम की स्क्रीन देखकर फैसला लेता है। यह किसी खास गेम के लिए ट्रेंड नहीं है, इसलिए नए गेम में भी खुद को एडजस्ट कर सकता है।
कैसे काम करता है?
गेम की वर्चुअल दुनिया को देखकर कदम तय करता है। यह दिए हुए कमांड को छोटे-छोटे स्टेप्स में बदलकर टास्क पूरा करता है। वर्चुअल कीबोर्ड-माउस कंट्रोल से गेम के अंदर एक्शन लेता है।
कहाँ टेस्ट किया गया?
DeepMind ने SIMA 2 को कई गेम्स में टेस्ट किया है:
- MineDojo: Minecraft जैसा ओपन-वर्ल्ड गेम
- ASKA: वाइकिंग-स्टाइल सर्वाइवल गेम
इन दोनों में SIMA 2 ने पहले से बेहतर परफॉर्मेंस दिखाई।
नई खासियतें
मल्टीमॉडल इनपुट – टेक्स्ट, इमोजी, स्केच सब समझता है। यह अपनी गलतियों से सीखता भी है। नए वर्चुअल वर्ल्ड में भी जल्दी एडजस्ट हो जाता है। एक गेम में सीखी स्किल दूसरे गेम में भी इस्तेमाल कर लेता है।
सीमाएँ भी हैं…
बहुत लंबी मेमोरी नहीं रख पाता। बहुत मुश्किल रीजनिंग वाले कामों में अभी भी दिक्कत है। फाइन मोटर कंट्रोल वाले टास्क इसके दायरे में नहीं है।

क्यों चर्चा में है?
SIMA 2 सिर्फ गेमिंग का AI नहीं माना जा रहा। DeepMind का कहना है कि ऐसा AI भविष्य में रियल रोबोट्स और जनरल-पर्पस AI सिस्टम के लिए रास्ता बना सकता है।
SIMA 2 को देखकर साफ लगता है कि Google DeepMind अब सिर्फ चैटबॉट या टेक्स्ट-बेस्ड AI पर नहीं रुक रहा। यह एआई पहली बार किसी गेमिंग दुनिया को इंसानों की तरह समझने की कोशिश कर रहा है और यही इसे खास बनाता है।
मेरी राय
मुझे इसमें सबसे दिलचस्प बात यह लगी कि SIMA 2 हर नए गेम के लिए अलग से ट्रेन नहीं होती। यह खुद देखकर सीखती है। यह वही दिशा है जो हमें असली जनरल AI की तरफ ले सकती है।
अगर AI गेम की मुश्किल दुनिया को समझ सकता है, रास्ते ढूंढ सकता है और गलतियों से सीख सकता है, तो भविष्य के रोबोट्स भी घर, ऑफिस और फैक्ट्रियों में ऐसे ही एडजस्ट कर सकेंगे। SIMA 2 उसी शुरुआत जैसा लगता है।
फिर भी, इसकी सीमाएँ याद दिलाती हैं कि रास्ता लंबा है। लंबी मेमोरी की कमी और जटिल रीज़निंग में दिक्कत से साफ़ है कि यह अभी शुरुआती स्टेज में है।
लेकिन कुल मिलाकर, SIMA 2 गेमिंग से आगे बढ़कर AI के असली भविष्य की झलक देता है। जहाँ मशीनें सिर्फ जवाब नहीं देंगी, बल्कि खुद समझकर सीखेंगी और बेहतर निर्णय लेंगी।
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