लिखने में मदद करने वाले मशहूर ऐप Grammarly ने अब अपना नाम बदल लिया है। कंपनी ने नया नाम Superhuman रखा है और इसके साथ ही एक AI प्रोडक्ट बंडल लॉन्च किया है। अब Grammarly सिर्फ एक राइटिंग टूल नहीं, बल्कि पूरा वर्क असिस्टेंट प्लेटफॉर्म है। तो चलिए पूरी जानकारी विस्तार से बताते हैं…
नाम क्यों बदला गया
कंपनी का कहना है कि अब उनका मकसद सिर्फ ग्रामर सुधारना नहीं, बल्कि हर काम में AI से मदद देना है। Superhuman का मतलब है इंसान को सुपर बनाना, जिससे साफ़ है कि काम जल्दी और स्मार्ट तरीके से होगा। इसलिए उन्होंने नया नाम और नया मिशन अपनाया है।
Superhuman में क्या-क्या मिलेगा?
नए Superhuman प्लेटफॉर्म में चार बड़े टूल शामिल किए गए हैं –
1. Grammarly – वही पुराना राइटिंग असिस्टेंट पर अब ज़्यादा स्मार्ट है।
2. Coda – डॉक्यूमेंट और टीमवर्क के लिए नया स्पेस।
3. Superhuman Mail – ऑटोमेटेड ईमेल ऐप।
4. Superhuman Go – एक AI असिस्टेंट जो हर ऐप में मदद करेगा।
इससे आप ईमेल, डॉक्यूमेंट, मीटिंग और काम सब कुछ एक जगह से संभाल पाएंगे।

क्या कुछ बदलेगा यूज़र्स के लिए?
जो लोग पहले से Grammarly इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें कुछ करने की ज़रूरत नहीं है। आपका अकाउंट, सेटिंग और डेटा वही रहेगा। कंपनी ने कहा है कि यूज़र्स की प्राइवेसी और डेटा सेफ्टी पहले जैसी ही बनी रहेगी।
लेखक की राय
Grammarly का Superhuman बनना एक बड़ा बदलाव है। जहाँ पहले यह सिर्फ राइटिंग टूल था, अब यह पूरे AI वर्क असिस्टेंट के रूप में आ रहा है।
हालाँकि कुछ लोगों को यह बदलाव थोड़ा ज़्यादा लग सकता है, लेकिन भविष्य की दिशा यही है AI हर काम का हिस्सा बनेगा।
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