भारत के टेक सेक्टर के लिए यह बड़ा दिन साबित हुआ है। दुनिया की अग्रणी चिप निर्माता कंपनी Intel ने भारत के Tata Group के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी की है। इस समझौते के तहत भारत में ही चिप्स का निर्माण, असेंबली और पैकेजिंग की जाएगी। यह कदम भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में एक उभरते केंद्र के रूप में स्थापित कर सकता है।
Intel और Tata का नया समझौता
Intel और Tata Electronics की इस साझेदारी के तहत भारत में चिप्स बनाने और असेंबल करने की सुविधाएँ बनाई जाएंगी। गुजरात के धोलेरा में एक सेमीकंडक्टर फैक्ट्री और असम में पैकेजिंग व टेस्टिंग यूनिट स्थापित होगी। Intel अपनी AI कंप्यूटिंग तकनीक और रेफरेंस डिज़ाइन भी Tata के साथ साझा करेगा, जिससे भारत में AI हार्डवेयर का विकास तेजी से होगा। इस प्रोजेक्ट में लगभग ₹1.18 लाख करोड़ का निवेश किया जा रहा है, जो भारतीय सेमीकंडक्टर उद्योग के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा है।
भारत को क्या लाभ मिलेगा?
1. ‘Make in India’ के तहत चिप उत्पादन
भारत अब केवल चिप्स का उपभोक्ता नहीं रहेगा, बल्कि एक बड़ा निर्माता बन सकता है। इससे आयात पर निर्भरता कम होगी।
2. AI और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग को गति
Intel के reference designs मिलने से भारत में AI रेडी लैपटॉप, पर्सनल कम्प्यूटिंग सिस्टम और IoT हार्डवेयर का लोकल उत्पादन आसान होगा।
3. वैश्विक सप्लाई चेन में भारत की भूमिका
दुनिया China+1 विकल्प खोज रही है। यह डील भारत को एक विश्वसनीय मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर बना सकती है।
4. रोजगार और स्किल डेवलपमेंट
सेमीकंडक्टर फैक्ट्रियों से इंजीनियरिंग, R&D और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बड़े पैमाने पर नौकरियाँ पैदा होंगी।

आगे की दिशा
इस डील के बाद उम्मीद है कि आने वाले 2 से 3 सालों में भारत में Intel चिप्स का उत्पादन शुरू हो जाएगा। जैसे-जैसे सुविधाएँ विकसित होंगी, भारत फुल-स्केल सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन की दिशा में भी आगे बढ़ सकता है।
AI-केंद्रित उत्पाद जैसे AI-PCs, स्मार्ट डिवाइसेज़ और एंटरप्राइज हार्डवेयर धीरे-धीरे भारत में लोकल स्तर पर बन सकेंगे।
टेक कम्युनिटी के लिए इसका महत्व?
यह डील भारत के टेक समुदाय के लिए नई संभावनाएँ खोलती है। यह संकेत है कि भविष्य में भारत टेक क्रिएटर्स और मैन्युफैक्चरर्स का केंद्र बन सकता है।
मेरी राय
Intel–Tata साझेदारी भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को नई गति देती है। यह भारत के हार्डवेयर निर्माण, AI टेक्नोलॉजी और वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन में एक मजबूत उपस्थिति का संकेत है। अगर सब योजना के अनुसार चलता है, तो दुनिया जल्द ही ‘Made in India’ चिप्स का उपयोग करती नज़र आएगी।
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