---Advertisement---

Meta का नया प्राइवेसी बदलाव: अब आपकी Meta AI चैट्स से तय होंगे Facebook और Instagram के एड्स

By Afreen Bano

Published On:

Follow Us
Meta Privacy New Changes इमेज क्रेडिट - TechBiz9

जल्दी कीजिए! अगले 1,000 फॉलोअर्स को मिलेगा खास डिस्काउंट

Join Now

Meta ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है, जो शायद आपको बिल्कुल पसंद न आए। कंपनी ने ऐलान किया है कि 16 दिसंबर 2025 से आपकी Meta AI चैट्स चाहे वो टेक्स्ट हों या वॉयस उसका इस्तेमाल आपके लिए पर्सनलाइज्ड ऐड और कंटेंट दिखाने में किया जाएगा।

अगर आप Meta AI से किसी टॉपिक पर बातचीत करते हैं, तो आगे आपको उसी से जुड़े ग्रुप्स, पोस्ट्स और ऐड्स दिखने लगेंगे। यह बदलाव Facebook, Instagram और WhatsApp तीनों पर लागू होगा। आइए पूरी जानकारी बताते हैं….

Meta AI चैट से कैसे बदलेंगे एड्स?

Meta का कहना है कि इस बदलाव से यूज़र्स को ज्यादा काम की जानकारी मिलेगा और अनचाहा कंटेंट कम होगा। उदाहरण के लिए, अगर कोई यूज़र Meta AI से स्विमिंग पर बातचीत करता है, तो उसे आगे स्विमिंग ग्रुप्स, इससे से जुड़े पोस्ट और स्विमिंग सूट के ऐड्स दिखाए जा सकते हैं।

किन टॉपिक्स पर नहीं होगा असर?

Meta ने यह भी साफ किया है कि कुछ संवेदनशील विषयों पर हुई बातचीत को विज्ञापनों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इनमें धर्म, राजनीतिक विचार, यौन रुझान और स्वास्थ्य से जुड़े विषय शामिल हैं।

कंपनी का कहना है कि जातीयता या नस्ल, दार्शनिक मान्यताएँ और ट्रेड यूनियन सदस्यता जैसी जानकारियाँ भी इस टारगेटिंग का हिस्सा नहीं होंगी। यानी, इन मामलों में यूज़र्स की प्राइवेसी सुरक्षित रहेगी।

Meta की नई पॉलिसी क्या कहती है ?

यह नया नियम 16 दिसंबर 2025 से लागू होगा। इसके बाद आपकी Meta AI चैट्स का इस्तेमाल कंटेंट और विज्ञापन रिकमेंडेशन के लिए किया जाएगा।

Meta AI

यूज़र्स के पास इस बदलाव को पूरी तरह बंद करने का विकल्प नहीं होगा। हालांकि, वे अपने विज्ञापनों को कस्टमाइज ज़रूर कर पाएंगे। कंपनी ने यह भी दोहराया कि संवेदनशील विषयों पर हुई बातचीत का इस्तेमाल कभी भी Ads दिखाने में नहीं किया जाएगा।

Meta ने खुलासा किया है कि हर महीने एक अरब से ज़्यादा लोग Meta AI का इस्तेमाल करते हैं। इससे साफ़ है कि दुनिया की लगभग आठवीं आबादी पर यह बदलाव असर डालेगा।

लेखक के विचार

यह कदम इस ओर इशारा करता है कि Meta अब विज्ञापन से होने वाली कमाई को आक्रामक तरीके से बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहा है। जहाँ Google पहले से ही आपके Search और YouTube हिस्ट्री के आधार पर एड्स दिखाता है वहीं Meta अब एक कदम आगे बढ़कर AI चैट्स तक को शामिल कर रहा है।

हालाँकि,Jio, Airtel जैसी भारतीय कंपनियों के AI चैटबॉट्स अभी इस स्तर पर डेटा यूज़ नहीं कर रहे। लेकिन अगर Meta का यह मॉडल सफल रहा, तो आने वाले समय में बाकी कंपनियाँ भी इसी तरह यूज़र्स की बातचीत से एड्स दिखा सकती हैं। प्राइवेसी के मामले में लोगों को यह असहज कर सकता है।

यह भी पढ़ें : Xiaomi Watch S4 41mm हुई ग्लोबली लॉन्च – जानिए सारे फीचर्स

Follow Us On

Afreen Bano

मैं एक अनुभवी कंटेंट राइटर और मास कम्युनिकेशन में पोस्टग्रेजुएट हूँ। मुझे टेक्नोलॉजी, खासकर स्मार्टवॉच और लैपटॉप जैसे गैजेट्स पर लिखना पसंद है। मेरा उद्देश्य है कि टेक्नोलॉजी से जुड़ी जटिल जानकारियों को आसान, स्पष्ट और उपयोगी भाषा में आम पाठकों तक पहुँचाया जाए। लेखन के माध्यम से मैं तकनीक को समझने और अपनाने की प्रक्रिया को सरल और रोचक बनाना चाहती हूँ।

---Advertisement---

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment