भारत सरकार ने नया AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क पेश किया है। इसका मकसद यह है कि AI(Artificial Intelligence) का उपयोग सुरक्षित, भरोसेमंद और सभी के लिए फायदेमंद हो। इस फ्रेमवर्क में बताया गया है कि AI को किस तरह से बनाया और इस्तेमाल किया जाए, ताकि किसी को नुकसान न पहुंचे और सभी लोग इसका फायदा उठा सकें। तो चलिए पूरी जानकारी बताते हैं…
AI फ्रेमवर्क के मुख्य उद्देश्य
इस फ्रेमवर्क के मुख्य उद्देश्य हैं कि AI हमेशा मानव‑केन्द्रित और समान अवसर वाला हो। इसका मतलब है कि AI का उपयोग लोगों की मदद के लिए होना चाहिए, यह सुरक्षित और सही तरीके से काम करे और देश के हर हिस्से में लोग इसका फायदा उठा सकें।
इसके लिए नियम बनाए गए हैं और कंपनियों को सलाह दी गई है कि वे अपने सिस्टम में जोखिम कम करें, डेटा का ध्यान रखें और यूज़र्स को साफ‑साफ जानकारी दें।
जोखिम और सुरक्षा
एआई का उपयोग बहुत फायदेमंद है लेकिन इसमें जोखिम भी हो सकते हैं। इसलिए फ्रेमवर्क में एक जोखिम आधारित सिस्टम बनाया गया है। इसका मतलब है कि जहाँ एआई का प्रभाव ज्यादा होगा, वहाँ ज्यादा सावधानी रखी जाएगी। कंपनियों और संस्थाओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका एआई सिस्टम सुरक्षित, सही और निष्पक्ष तरीके से काम करे।
भविष्य की योजना
आने वाले समय में एक केंद्रीय संस्था AI Governance Group (AIGG) बनाई जाएगी। यह संस्था विभिन्न मंत्रालयों और नियामकों के साथ मिलकर एआई के नियम बनाएगी और उनके पालन पर नजर रखेगी।

इसके साथ ही भारत में सुपरकंप्यूटर, बेहतर डेटा और स्थानीय एआई मॉडल बनाने पर भी जोर दिया जाएगा। इससे एआई के क्षेत्र में भारत मजबूत बनेगा और सभी को इसका फायदा मिलेगा।
क्यों यह महत्वपूर्ण है
आज AI स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्त और कानून जैसे कई क्षेत्रों में काम कर रहा है। इसलिए यह जरूरी है कि इसके उपयोग के लिए अच्छे नियम हों। इससे लोगों के अधिकार सुरक्षित रहेंगे और एआई का उपयोग सही तरीके से होगा। भारत जैसे बड़े और विविध देश में निष्पक्ष और सभी के लिए समान एआई की बहुत जरूरत है।
आगे क्या होगा
इस फ्रेमवर्क के अनुसार कदम‑दर‑कदम नियम लागू किए जाएंगे। पहले स्वैच्छिक स्तर पर, फिर ज्यादा जोखिम वाले क्षेत्रों में अनिवार्य नियम होंगे। साथ ही एक राष्ट्रीय एआई घटना डेटाबेस बनाया जाएगा, ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना का रिकॉर्ड रखा जा सके और भविष्य में उससे सबक लिया जा सके।
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