OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने बड़ा ऐलान किया है। अब ChatGPT को एडल्ट्स के लिए ज़्यादा इंसानों जैसा बनाया जाएगा। इसका मतलब, आने वाले वर्ज़न में यूज़र्स को पर्सनालिटी चुनने का ऑप्शन, फ़्लर्टी चैट का एक्सपीरियंस और यहाँ तक कि ‘एडल्ट रोलप्ले’ की सुविधा भी मिलेगा लेकिन केवल वेरिफ़ाइड यूज़र्स के लिए।
OpenAI का नया फ़ोकस: एडल्ट एक्सपीरियंस के लिए ChatGPT
सैम ऑल्टमैन ने अपने X (Twitter) पोस्ट में बताया कि कंपनी अब ‘एडल्ट्स को एडल्ट्स की तरह ट्रीट’ करने की दिशा में काम कर रही है। इसका मतलब यह है कि अब ChatGPT पर कई ऐसी चीज़ें संभव होंगी जिन्हें पहले बॉट सीधा रिजेक्ट कर देता था।
OpenAI के नए फीचर्स दिलचस्प हैं। अब ChatGPT को एक पर्सनालिटी दी जाएगी जिसके बाद यूज़र खुद तय कर सकेगा कि उसका बॉट उनके साथ कैसा व्यवहार करे। ये दोस्ताना, इमोशनल या फिर एक्सप्रेसिव कुछ भी हो सकता है। कंपनी का कहना है कि यह अपडेट ChatGPT को पहले से ज़्यादा इंसानों जैसा बना देगा, जिसमें भावनाएँ, टोन और यहां तक कि इमोजी का इस्तेमाल भी शामिल होगा।
वेरिफाइड यूज़र्स के लिए एक नया ‘ इरोटिक रोलप्ले’ फीचर लाया जा रहा है, जिसे केवल वे यूज़र्स इस्तेमाल कर पाएंगे जो अपनी उम्र की पुष्टि करेंगे। इस बदलाव के साथ OpenAI ने सेफ़्टी पर भी ख़ास ज़ोर दिया है। 18 साल से कम उम्र के यूज़र्स को इन फीचर्स से दूर रखने के लिए सख़्त पैरेंटल कंट्रोल और AI पर आधारित उम्र को निर्धारित करने का सिस्टम तैयार किया जा रहा है।
सैम ऑल्टमैन ने बताया कि ChatGPT का यह ‘Personality Mode’ पूरी तरह opt-in रहेगा। यानि अगर कोई यूज़र चाहता है कि ChatGPT उससे दोस्त की तरह बात करे, ज़्यादा इमोजी का इस्तेमाल करे, या फिर सिर्फ़ प्रोफेशनल टोन रखे, तो वो इसे खुद सेट कर सकेगा। गौरतलब है कि यह वर्जन दिसंबर में लॉन्च होगा। आने वाले इस Adult-Only ChatGPT वर्ज़न को लेकर यूज़र्स में पहले से ही काफ़ी उत्सुकता है।
कैसे होगी सेफ़्टी?
OpenAI इस नए ‘Adult-Only ChatGPT’ के साथ सेफ़्टी पर ज़्यादा ध्यान दे रहा है जिसके चलते नाबालिग यूज़र्स को संवेदनशील कंटेंट से पूरी तरह दूर रखा जा सके। इसके लिए कंपनी एक सख़्त ब्लॉकिंग और मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार कर रही है, जो 18 साल से कम उम्र वाले अकाउंट्स को अपने आप ऐसे फीचर्स से रोक देगा।
वहीं, इरोटिक रोलप्ले जैसे फीचर्स सिर्फ़ उन लोगों के लिए होंगे जो जिन्होंने अपनी उम्र किसी पहचान या वेरिफिकेशन प्रोसेस के ज़रिए साबित की है।

हालाँकि, अभी तक OpenAI ने यह नहीं बताया है कि यह वेरिफिकेशन कैसे होगा। क्या इसमें सरकारी आईडी, फेस स्कैन या किसी थर्ड-पार्टी एजेंसी का इस्तेमाल किया जाएगा। कुल मिलाकर, कंपनी चाहती है कि ChatGPT पर बड़ों को आज़ादी मिले लेकिन सेफ्टी भी पूरी तरह बरक़रार रहे।
मेरी राय
OpenAI का यह कदम एक बड़ा कल्चरल और टेक्निकल एक्सपेरिमेंट है। वयस्क यूज़र्स को ज़्यादा आज़ादी दी जाएगी कि वे अपने चैटबॉट को कैसे इस्तेमाल करना चाहते हैं।
लेकिन साथ ही, यह डिजिटल नैतिकता और ‘AI consent’ जैसे सवाल भी उठाता है जैसे कि, क्या AI के साथ भावनात्मक या रोमांटिक जुड़ाव सही दिशा है?
AI को अगर इंसानों जैसा बना दिया जाए, तो लोग उस पर भावनात्मक रूप से निर्भर भी हो सकते हैं। इसलिए यह एक तरह से नई AI से दोस्ती या रिश्ते की शुरुआत हो सकती है।
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