OpenAI अब एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बनाने की तैयारी में है जो खुद से रिसर्च कर सके। इसका मतलब भविष्य में ऐसा AI होगा जिसे इंसान की मदद की ज़रूरत नहीं होगी। कंपनी का कहना है कि वह 2026 तक ‘AI रिसर्च इंटर्न’ लॉन्च करेगी और 2028 तक पूरी तरह से ऑटोमेटेड AI रिसर्चर लाने की योजना है। तो चलिए पूरी जानकारी विस्तार से समझाते हैं…
OpenAI का नया प्लान
OpenAI का लक्ष्य है कि आने वाले कुछ सालों में AI इतना समझदार बन जाए कि वह खुद से नई चीज़ें खोज सके।
2026 में एक ऐसा AI बनाया जाएगा जो इंसानों की तरह ‘रिसर्च इंटर्न’ का काम करेगा जिसमें इसका काम डेटा इकट्ठा करना, जानकारी समझना और शुरुआती निष्कर्ष निकालना होगा।
इसके बाद 2028 तक कंपनी ऐसा AI बनाना चाहती है जो पूरी तरह खुद से रिसर्च कर सके, जैसे वैज्ञानिक करते हैं।
क्यों खास है ये AI
ये AI सिर्फ चैट करने या जवाब देने के लिए नहीं होगा, बल्कि यह खुद सोचकर नए आइडिया और समाधान ढूंढेगा। OpenAI का कहना है कि इस AI को ज्यादा कंप्यूटर पावर और लंबे समय तक सोचने की क्षमता दी जाएगी ताकि यह गहराई से काम कर सके।
अगर यह सफल होता है, तो ये AI वैज्ञानिक, इंजीनियर और रिसर्चर के काम में बड़ा बदलाव ला सकता है।

क्या होंगी चुनौतियाँ?
देखा जाए तो ऐसा AI बनाना आसान नहीं है। रिसर्च करना सिर्फ जानकारी ढूंढना नहीं होता बल्कि प्रयोग करना, नतीजे निकालना और गलती सुधारना भी होता है। इसके लिए बहुत सुरक्षित और जिम्मेदार सिस्टम बनाना होगा ताकि AI गलत दिशा में न जाए।
मेरी राय
मुझे लगता है यह एक रोमांचक कदम हो सकता है। अगर AI खुद से रिसर्च करने लगेगा, तो विज्ञान और टेक्नोलॉजी बहुत तेज़ी से आगे बढ़ सकती है। लेकिन साथ ही यह भी ज़रूरी है कि इस तरह के AI का सही इस्तेमाल हो।
आज का ChatGPT जैसे AI बस जानकारी देते हैं, पर 2028 वाला AI खुद नई खोजें करेगा यह सच में बड़ा बदलाव होगा। फिर भी, हमें सावधानी रखनी होगी कि इंसान की जगह AI पूरी तरह न ले ले। इंसान की सोच, अनुभव और समझ अभी भी सबसे ज़रूरी है।
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