भारत में लगातार धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं और इन पर लगाम कसने के लिए दूर संचार विभाग में लगभग तीन से चार लाख SIM Cards को बंद कर दिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, SIM Cards का प्रयोग फ्रॉड के लिए किया जा रहा था। इसी के साथ भारत सरकार ने इस पर घोटाले और धोखाधड़ी से निपटने के लिए अब एक ठोस कदम उठा रहा है।
बता दें कि, SIM Cards को जारी करने के लिए अब नियमों को सख्त कर दिया गया है। साथ ही ठगी करने वालों की पहचान करने के लिए कई नियम भी निकाला जा चुका है।
हर दिन पकड़े गए 2,000 से भी ज्यादा SIM Cards
सूत्रों के अनुसार में 2025 में एक आंकड़ा जारी किया गया था। जिससे यह पता चला कि वित्तीय घोटालों में शामिल प्रतिदिन 2000 से ज्यादा SIM Cards पकड़ा जा रहा है। इसी के कारण धोखेबाजी का पता लगाने के लिए और उनसे निपटने और सिम कार्ड के पहचान के लिए AI का इस्तेमाल किया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार यूपीआई जब से आया है तब से लेनदेन काफी आसान हो गया है। लेकिन धोखेबाजों ने इससे भी पैसे ऐंठने के लिए कई जाल बिछाना शुरू कर दिया है। इसी कारण भारत के सभी बैंकों को पहले ही अपने सिस्टम में फाइनेंशियल रिस्क इंडिकेटर लगाने आदेश दिया गया है। जिसकी सहायता से यह इंडिकेटर मोबाइल नंबर की पहचान कर उन्हें लो, मीडियम और हाई रिस्क कैटेगरी में डाल देता है।
फाइनेंशियल रिस्क इंडीकेटर कर रहा है मदद
रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी सहायता से धोखाधड़ी वाले अकाउंट पर कार्यवाही करने में सहायता मिली है। बता दें कि, फाइनेंशियल रिस्क इंडिकेटर का प्रयोग कर वित्तीय संस्था और बैंक धोखाधड़ी वाले लेन देन को रोकने में सहायता मिलती है। वहीं दूसरी तरफ दूर संचार कंपनियों भी अपने नेटवर्क लेयर में काफी सुरक्षा बढ़ा रहीं है। ताकि लोग फ्रॉड से बच सकें।
Fraud से बचने के लिए क्या करें ?
किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक ना करें।
अनजान msg या कॉल को रिसीव करने से बचें।
सबसे बड़ी बात यह है कि ऑफिशल ऐप का ही इस्तेमाल करें।
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