भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बीते दिन कहा कि, UPI ट्रांजैक्शंस पर किसी तरह का चार्ज लगाने का अभी तक कोई भी प्रस्ताव नहीं है। इसी के साथ गवर्नर ने यह भी जानकारी साझा कि की केंद्रीय बैंक क्रेडिट पर खरीदे गए मोबाइल फोनों को EMI न चुकाने की स्थिति में उसे दूर से ही लॉक को लेकर चर्चा चल रही है।
गवर्नर मल्होत्रा पोस्ट-मोनेटरी पॉलिसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। जब उनसे UPI ट्रांजैक्शंस पर चार्ज लगाने को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने साफ कहा कि हमारे सामने ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।
UPI ट्रांजैक्शंस का भुगतान करना पड़ेगा ?
यह कोई पहली बार नहीं हुआ है जब UPI पर चार्ज को लेकर सवाल उठा है। सूत्रों के अनुसार, पिछली पोस्ट-पॉलिसी कॉन्फ्रेंस में भी गवर्नर को कहना पड़ा था कि, “मैंने कभी नहीं कहा कि UPI हमेशा फ्री रहेगा। मैंने सिर्फ इतना कहा था कि UPI ट्रांजैक्शंस पर लागत आती है और उसका भुगतान किसी न किसी को करना ही होगा। कौन भुगतान करेगा यह जरूरी है, लेकिन उससे ज्यादा जरूरी है कि कोई तो इसका खर्च उठाए। मॉडल की सस्टेनेबिलिटी के लिए यह अहम है।”
बता दें कि RBI के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 में UPI ने 20 अरब ट्रांजैक्शंस प्रोसेस किए, जो सालाना आधार पर 34% की वृद्धि को दर्शाता है।
क्या अब फोन दूर से ही होगा लॉक ?

इसी के साथ, मोबाइल फोन के EMI भुगतान न किए जाने पर डिवाइस को लॉक करने के नियम पर भी चर्चा किया गया है। जिसपर RBI डिप्टि गवर्नर ने कहा कि, RBI एक और प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। यह प्रस्ताव उन मोबाइल फोनों से जुड़ा रहेगा जो क्रेडिट पर खरीदे जाते हैं। इसी के साथ अगर ग्राहक EMI का भुगतान नहीं करता है, तो बैंकों को दूर से ऐसे मोबाइल फोन को लॉक करने की अनुमति मिल सकती है।
गवर्नर ने बताया कि, डिजिटल लॉकिंग का मुद्दा विचाराधीन है। इसमें ग्राहक अधिकार, डेटा प्राइवेसी और क्रेडिटर्स की आवश्यकताओं के बीच बैलेंस बनाने के फायदे और नुकसान दोनों हैं। हम इसका अध्ययन कर रहे हैं और समय आने पर इस पर निर्णय लेंगे।”
लेखक की राय
RBI गवर्नर का यह बयान UPI यूजर्स के लिए राहत की खबर है। ऐसा इसलिए क्योंकि,फिलहाल ट्रांजैक्शंस पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। लेकिन, भविष्य में इसकी सस्टेनेबिलिटी को लेकर चर्चा जारी रहना स्वाभाविक है।
लेकिन, EMI सही टाइम पर नहीं देने कारण फोन को दूर से लॉक करने का प्रस्ताव ग्राहकों और बैंकों दोनों के लिए अहम महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन इसमें डेटा प्राइवेसी और ग्राहक अधिकारों का संतुलन बनाना सबसे बड़ी चुनौती होगी।
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