YouTube ने गुरुवार को एक नया पायलट प्रोग्राम लॉन्च किया है, जिसके तहत पहले से बंद किए गए क्रिएटर्स अब नया चैनल बनाकर फिर से अपनी कम्युनिटी से जुड़ सकते हैं। यह पहल खासतौर पर उन लोगों के लिए है जिनके चैनल किसी कम्युनिटी गाइडलाइन्स टूटने की वजह से बंद कर दिए गए थे।
हालांकि, यह मौका हर किसी को नहीं मिलेगा। YouTube कुछ खास फैक्टर्स को देखकर ही रिक्वेस्ट को मंज़ूरी देगा।
क्या है नया पायलट प्रोग्राम?
YouTube ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि यह प्रोग्राम उन क्रिएटर्स को एक नया शुरुआत देने के लिए है जिनका चैनल टर्मिनेट हो चुका है। बता दें, YouTube यह सुनिश्चित करेगा कि जिन्होंने पहले बार-बार या गंभीर उल्लंघन किए हैं, उन्हें यह मौका न मिले।
किन्हें नहीं मिलेगा नया चैनल बनाने का मौका?
कंपनी ने साफ कहा है कि यह प्रोग्राम हर टर्मिनेटेड क्रिएटर के लिए नहीं है। अगर किसी क्रिएटर ने कई बार या बहुत गंभीर तरीके से कम्युनिटी गाइडलाइन्स का उल्लंघन किया है, तो उसे यह दूसरा मौका नहीं मिलेगा। इसका मतलब है कि जो लोग पहले प्लेटफॉर्म पर गलत या हानिकारक कंटेंट शेयर करते रहे हैं, उन्हें YouTube पर दोबारा आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इसके अलावा, जिन क्रिएटर्स का चैनल कॉपीराइट उल्लंघन की वजह से बंद हुआ है, उन्हें भी इस पायलट प्रोग्राम में शामिल नहीं किया जाएगा। बताते चलें कि YouTube इस मामले में हमेशा सख्त रुख अपनाता है ताकि अन्य कंटेंट क्रिएटर्स के अधिकारों की रक्षा की जा सके।

एक और श्रेणी उन क्रिएटर्स की है जिन पर Creator Responsibility policies के उल्लंघन का आरोप है। ये वे क्रिएटर्स होते हैं जिनका ऑन-प्लैटफॉर्म या ऑफ-प्लैटफॉर्म व्यवहार YouTube कम्युनिटी के लिए हानिकारक या विवादास्पद माना गया हो। ऐसे मामलों में उन्हें नया चैनल बनाने की अनुमति नहीं मिलेगी।
और आख़िर में, अगर किसी क्रिएटर ने खुद ही अपना YouTube चैनल या Google अकाउंट डिलीट कर दिया है, तो वे भी इस पायलट प्रोग्राम में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। यह सुविधा सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए है जिनका चैनल YouTube ने टर्मिनेट किया था, न कि जिन्होंने खुद प्लेटफॉर्म छोड़ दिया।
कैसे कर सकते हैं नया चैनल रिक्वेस्ट?
YouTube ने बताया है कि जिन क्रिएटर्स के चैनल टर्मिनेट किए गए हैं, वे YouTube Studio में अपने पुराने अकाउंट से लॉगिन करके देख सकते हैं कि क्या उन्हें नया चैनल रिक्वेस्ट करने का ऑप्शन दिख रहा है। अगर दिख रहा है, तो इसका मतलब है कि वे इस पायलट प्रोग्राम के लिए एलिजिबल हैं। उन्हें बस ‘Request a new channel’ बटन पर क्लिक करना होगा।
इसके बाद, YouTube उनकी रिक्वेस्ट की सावधानीपूर्वक जाँच करेगा। प्लेटफॉर्म यह देखेगा कि क्रिएटर ने पहले किस तरह का कंटेंट शेयर किया था, और क्या अब वे कम्युनिटी गाइडलाइंस का पालन करने के योग्य हैं। अगर सब कुछ ठीक पाया गया, तो क्रिएटर को नया चैनल बनाने की अनुमति मिल जाएगी।
हालांकि, यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि क्रिएटर्स को अपने चैनल के टर्मिनेशन के कम से कम 1 साल बाद ही नया चैनल रिक्वेस्ट करने का मौका मिलेगा। इस एक साल की अवधि में YouTube उन्हें अपने व्यवहार और कंटेंट अप्रोच को सुधारने का समय देना चाहता है।
साथ ही, इस बीच अगर क्रिएटर को लगता है कि उनका चैनल गलत तरीके से टर्मिनेट किया गया था, तो वे अपील भी कर सकते हैं। यानि YouTube उन्हें दो रास्ते देता है, या तो वे अपने पुराने चैनल के लिए अपील करें, या एक साल बाद नए चैनल की शुरुआत करें।
नए चैनल में क्या होगा अलग?
यह नया चैनल एक नई शुरुआत होगी। क्रिएटर्स को दोबारा अपनी कम्युनिटी बनानी पड़ेगी। वे चाहें तो अपने पुराने वीडियो, जो YouTube की कम्युनिटी गाइडलाइन्स के अंदर आते हैं, दोबारा अपलोड कर सकते हैं। अगर नया चैनल प्रोग्राम के मानदंडों को पूरा करता है, तो वे फिर से YouTube Partner Program (YPP) के लिए आवेदन कर सकते हैं और मॉनीटाइज़ेशन पा सकते हैं।
लेखक की राय
मुझे YouTube का यह कदम एक संतुलित फैसला लगता है। एक तरफ यह क्रिएटर्स को दूसरा मौका देता है, वहीं दूसरी ओर प्लेटफॉर्म की सुरक्षा और विश्वसनीयता भी बनाए रखता है।
आज के समय में, जब कई क्रिएटर्स गलती से या किसी छोटे उल्लंघन के कारण बैन हो जाते हैं, तो यह प्रोग्राम उनके लिए राहत की तरह है। हालांकि, YouTube को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यह दूसरा मौका किसी गलत इरादे वाले यूज़र के लिए रास्ता न बन जाए।
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