Zoho का नया Arattai ऐप ने हर ओर तहलका मचा दिया है। यह सिर्फ तीन दिनों में ही 100x ट्रैफिक बढ़ा चुका है।Zoho Corporation के फाउंडर और Arattai ऐप के पीछे की सोच रखने वाले श्रीधर वेम्बु ने बताया कि नए साइन-अप्स की संख्या दिन के 3,000 से बढ़कर 3,50,000 हो गई है। अचानक से बढ़ी इस लोकप्रियता ने Zoho को बैकएंड मजबूत करने और टेक्निकल बाधाओं को हल करने पर मजबूर कर दिया।
वेम्बु ने सोशल मीडिया पर कहा, “हमने तुरंत कदम उठाकर सिस्टम और सर्वर्स की ताकत बढ़ाई है ताकि अगर ट्रैफिक अचानक 100 गुना बढ़ जाए तो भी ऐप आसानी से संभल सके। यही तेजी से बढ़ती लोकप्रियता का तरीका है।”
Zoho की तैयारी
Zoho ने अचानक बढ़ी ट्रैफिक की चुनौती को पूरी तैयारी के साथ संभाला। Arattai ऐप के बैकएंड को मजबूत किया जा रहा है। यूज़र्स को स्मूद और बिना रुकावट का अनुभव देने के लिए कोड को लगातार ध्यानपूर्वक ठीक किया जा रहा है। श्रीधर वेम्बु ने कहा कि अचानक आई इस लोकप्रियता को सही तरीके से संभालने के लिए उनकी टीम पूरी तरह समर्पित है और हर कोई दिन-रात इस पर काम कर रहा है।
लॉन्च और क्या हैं नई योजनाएं?
Zoho ने Arattai ऐप के लिए नवंबर में बड़ी रिलीज़ की योजना बनाई थी। इस रिलीज़ में नई फीचर्स, ऐप की ज्यादा क्षमता, और मार्केटिंग सपोर्ट शामिल होने वाले थे। यूज़र्स को बेहतर अनुभव और नए टूल्स मिलने वाले थे। लेकिन अचानक ऐप की लोकप्रियता इतनी तेजी से बढ़ गई कि Zoho को पहले से ही तैयारी शुरू करनी पड़ी। श्रीधर वेम्बु ने यूज़र्स को भरोसा दिलाया कि उनकी टीम लगातार काम कर रही है और Arattai के लिए बहुत कुछ रोमांचक योजनाएँ हैं। उन्होंने यूज़र्स से थोड़ा धैर्य रखने और इंतज़ार करने का अनुरोध किया है।

सार्वजनिक कंपनी न होने का फायदा
Vembu ने बताया कि अगर Zoho पब्लिक कंपनी होती, तो Arattai जैसे रिस्की प्रोजेक्ट शायद कभी नहीं बनते। उन्होंने इसे ‘hopelessly foolish’ प्रोजेक्ट घोषित कर दिया क्योंकि शुरुआत में कई कर्मचारियों को भी इसकी कामयाबी पर शक था। Zoho का फोकस शॉर्ट-टर्म प्रॉफिट की जगह हमेशा लॉन्ग-टर्म R&D और इनोवेशन पर रहता है।
Zoho के R&D प्रोजेक्ट्स:
- Compilers, databases, operating systems
- Security, hardware, chip design
- Robotics और AI
Vembu के मुताबिक, Zoho एक इंडस्ट्रियल रिसर्च लैब की तरह काम करता है। कंपनी खुद को फंड करती है और शॉर्ट-टर्म प्रॉफिट की चिंता नहीं करती। Vembu ने इसे भारतीय विज्ञान और इंजीनियरिंग की संस्कृति से तुलना करते हुए ISRO के समान बताया।
मेरी राय
मेरे लिए Arattai ऐप का अचानक बढ़ा ट्रैफिक और सफलता कंपनी की सोच समझकर की गई तैयारी और लंबी अवधि वाली R&D रणनीति का नतीजा है। अगर यह कोई पब्लिक कंपनी करती, तो हर क्वार्टर के प्रॉफिट की चिंता में शायद यह प्रोजेक्ट कभी शुरू ही नहीं होता। Zoho की तरह आगे की सोच रखने वाली कंपनियाँ ऐसे रिस्की लेकिन इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स को भी आगे बढ़ा सकती हैं।
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