Zoho: Google, Microsoft, Meta जैसी बड़ी टेक कंपनियों में नौकरी पाने के लिए लोगों को बीटेक, एमटेक जैसी बड़ी डिग्री की आवश्यकता होती है। वहीं, भारत में हर साल लाखों युवा JEE की परीक्षा देते हैं और उनमें से कुछ ही IIT जैसे संस्थान में एडमिशन ले पाते हैं। देखा जाए तो,भारतीय टेक कंपनी Zoho युवाओं को बिना किसी डिग्री की नौकरी दे रहा है। ये बात कंपनी के चीफ और को-फाउंडर श्रीधर वेंबू ने कही है। इसी के साथ ही, उन्होंने भारतीय पैरेंट्स को खास सलाह भी दी है।
पैरेंट्स को दी सलाह
जोहो के चीफ साइंटिस्ट और को-फाउंडर श्रीधर वेंबू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अमेरिका बेस्ड फर्म Palantir की हाइरिंग अप्रोच वाले कन्वर्सेशन पर एक कमेंट किया है। उन्होंने अपने पोस्ट में यह जानकारी दी है कि स्मार्ट अमेरिकी छात्र अब कॉलेज नहीं जा रहे हैं और उनकी मदद फॉरवर्ड थिंकिंग वाले एम्प्लॉयर कर रहे हैं। जो कि, एक गहरा कल्चरल है।
इसे वास्तव में ‘युवा शक्ति’ है, जो उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने के लिए सक्षम बनाता है वो भी डिग्री प्राप्त करने के लिए भारी कर्ज के बिना। यह ट्रेंड उनके दुनिया देखने के तरीके को बदल देगी और यह संस्कृति और राजनीति को बदल देगी।
Zoho: बिना डिग्री के मिलेगी नौकरी

उन्होंने अपने पोस्ट में भारतीय पैरेंट्स और हाई स्कूल जाने वालों से यह कहा है कि, जितनी भी बड़ी कंपनियां हैं उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए। श्रीधर वेंबू ने अपनी बात को रखते हुए आगे कहा कि जोहो में जॉब पाने के लिए किसी भी कॉलेज डिग्री की कोई भी जरूरत नहीं है।
अगर, कोई मैनेज ऐसे की जॉब को पोस्ट करता है, जिसमें डिग्री की जरूरत होती है, तो वो एचआर को डिग्री रिक्वारमेंट को हटाने के लिए बोलते हैं। श्रीधर वेंबू ने अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए कहा कि तेनकासी में उन्होंने 19 साल के एजग्रूप वाले टेक्निकल टीम के साथ काम किया था उनकी उर्जा काफी ज्यादा थी। उन्हें इसे मैच करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी।
लेखक की राय
Zoho के चीफ श्रीधर वेंबू का बयान भारतीय युवाओं और पैरेंट्स के लिए एक सकारात्मक संकेत है। जब बड़ी टेक कंपनियाँ केवल डिग्री पर निर्भर रहती हैं, वहीं Zoho का यह कदम स्किल-बेस्ड हायरिंग को बढ़ावा देता है। इससे प्रतिभाशाली लेकिन आर्थिक कारणों से कॉलेज न जा पाने वाले युवाओं को नया रास्ता मिलता है। यह अप्रोच भारत में एजुकेशन और रोजगार की सोच को बदल सकती है—जहाँ डिग्री से ज्यादा कौशल और सीखने की क्षमता मायने रखेगी। Zoho जैसे प्रयास तकनीकी क्षेत्र में ‘युवा शक्ति’ को सच में आगे बढ़ा रहे हैं।
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