---Advertisement---

Meta Reality Labs ने किया नया Meta Wristband पेश, जो टाइपिंग और नेविगेशन को पूरी तरह बदल सकता है।

By Afreen Bano

Updated On:

Follow Us
Meta Wristband

Next 1,000 Followers Get Early Bird Deals – Don’t Miss Out!

Join Now

Meta Reality Labs ने अपना नया Meta Wristband दुनिया के सामने पेश किया है।इसके सामने आने से Wristband के टाइपिंग और नेविगेशन की दुनिया को पूरी तरह से बदला माना जा रहा है।Meta Wristband की सबसे खास बात ये होगी कि ये surface electromyography के सिद्धांत पर काम करेगा इसका मतलब आसान शब्दों में ये हुआ की sEMG की मदद से हाथ के मसल्स मूवमेंट्स को ट्रैक करके उन्हें डिजिटल कमांड्स में बदला जा सकेगा।यहाँ पर अब इस ज़बरदस्त बदलाव के चलते सिर्फ़ आपके इशारों की देर है और टेक्नोलॉजी के दुनिया में ये उतरा नया धमाल टाइपिंग हो या टैपिंग या फिर स्वाइपिंग सब कुछ आपके लिए कर देगा।

कीबोर्ड और माउस की होगी अब छुट्टी

जी हाँ! Meta Reality Labs की ओर से इस नए चमत्कार के चलते अब आप आपका पुराना तरीक़ा यानि की बिना किसी कीबोर्ड या माउस का इस्तेमाल किए सब काम Meta Wristband का उपयोग करके चुटकियों में हो जाएगा।

मूवमेंट्स की ट्रैकिंग

Meta Wristband तकनीक का निर्माण स्पेशल लोगो को खास ध्यान में रख कर किया गया है, कहने का तात्पर्य ये है की इसकी मदद से (tremors) महसूस करने वाले लोग बिना किसी समस्या के टचस्क्रीन इंटरफ़ेस का उपयोग टाइपिंग या फिर स्वाइपिंग जैसे काम के लिए कर सकते हैं।

डेमो

हाल ही में हुए इसके एक डेमो में ये बात सामने आयी की Meta Wristband किसी भी व्यक्ति के लिखने के तरीक़े से भी शब्दों को पहचानने में सक्षम है।दरअसल एक व्यक्ति ने डेमो के दौरान अपने हाथो से हवा में “Hello World” लिखा और इसने तुरंत उसे पहचान लिया। जिसका मतलब ये हुआ की इसे माउस या किसी कीबोर्ड डिवाइस की ज़रूरत नहीं ।

AI मशीन और लर्निंग पर आधारित

Meta Wristband धीरे-धीरे समझ कर आपका काम और आसान कर देती है क्यूंकि ये AI और लर्निंग मशीन का इस्तेमाल करती है जिसमे होता ये है कि जैसे-जैसे व्यक्ति इसका उपयोग अधिक समय तक करता जाता है इससे इसे उसकी उंगलियों के इशारों को और बेहतर समझने में मदद मिलती है और इसी के चलते ये अपना काम 16% तक की सटीकता के साथ करने लगती है।

Meta Band

रिसर्च डेटा भी उपलब्ध

Meta ने इसका टेस्ट तक़रीबन 300 लोगो के साथ किया। ये डेटा Meta ने सभी रिसर्चर्स को बिना किसी पैसे यानी मुफ्त में प्रदान कराया है जो की इनकी ओर से एक सराहनीय कदम माना जा रह है। ये डेटा फ्री में इसलिए उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया ताकि Meta Wristband में इस्तेमाल होने वाले तकनीक पर वैज्ञानिकों के ज़रिए आगे काम किया जा सके।

विशेष योग्यता वाले लोगों के लिए आसानी

मेटा ने एक जाँच की शुरुवात की है जिसमे वो कुछ विश्वविद्यालयों उदारहण के तौर पर (Carnegie Mellon ) के साथ मिलकर Meta Wristband पर काम करेगी की ये तकनीक विशेष योग्यता वाले लोगो के लिए कितनी कामगर साबित हो सकती है और ये अनुमान भी लगाने की कोशिश करेगी कि इसकी मदद से शारीरिक रूप से असक्षम लोगो को कंप्यूटर या मोबाइल चलाने में कितना लाभ मिल सकता है।

कुल मिलाकर Meta ने ऐसे Meta Wristband डिवाइस को डिज़ाइन करके अलग-अलग शारीरिक क्षमताओं वालो लोगो के लिए भी सहूलियत देने के साथ-साथ आसानी प्रदान करने का सराहनीय कदम उठाया है।

यह भी पढे: Moto 360 (2025): दमदार लुक और फीचर्स के साथ वापसी

Afreen Bano

मैं एक अनुभवी कंटेंट राइटर और मास कम्युनिकेशन में पोस्टग्रेजुएट हूँ। मुझे टेक्नोलॉजी, खासकर स्मार्टवॉच और लैपटॉप जैसे गैजेट्स पर लिखना पसंद है। मेरा उद्देश्य है कि टेक्नोलॉजी से जुड़ी जटिल जानकारियों को आसान, स्पष्ट और उपयोगी भाषा में आम पाठकों तक पहुँचाया जाए। लेखन के माध्यम से मैं तकनीक को समझने और अपनाने की प्रक्रिया को सरल और रोचक बनाना चाहती हूँ।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment