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AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है? सरल भाषा में समझे AI के फायदे और नुकसान को

By Digvijay Rathor

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AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है? सरल भाषा में समझे AI के फायदे और नुकसान को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बड़ी तेजी से विकसित, या कहें कि तीव्र गति से बढ़ने वाला विषय है। आज के समय में यह हमारे मोबाइल फोन, लैपटॉप और ऑफिस में भी दाखिल हो चुका है।

हम हर रोज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से नौकरी खोने वाले आर्टिकल या न्यूज़ पढ़ते हैं। तो हम जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर यह क्या है, जिसका इतना अधिक बोलबाला है, और जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर क्यों बड़ी-बड़ी कंपनियों के फाउंडर्स AI में इतनी दिलचस्पी ले रहे हैं। आसान भाषा में।

AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?

अगर सरल भाषा में समझा जाए तो यह एक प्रकार की कृत्रिम बुद्धिमत्ता है, जो स्वयं से कुछ भी सिखने में सक्षम है। इसके साथ ही यह समय के साथ खुद को विकसित भी कर सकती है। इसका मतलब है कि आप अगर इसे कोई चीज एक बार सिखा दें तो वह उसी तरीके से दूसरी चीजों को बना सकने में सक्षम है। लगातार सीखते रहने से यह कई चीजों को सोचने में और बनाने में भी माहिर है।

इसका सबसे बढ़िया उदाहरण है Chat GPT, जो Open AI पर काम करता है। यह उसे इतना पावरफुल बना देता है कि वह कुछ ही देर में किसी भी समस्या का समाधान सेकंडों में ला सकता है। Open Source उसे हर चीज, ज्ञान, खोज, किताब, रिसर्च पेपर का एक्सेस देता है, जो एक आम व्यक्ति को खोजने में समय लग सकता है।

आप इसे हालिया समय में आए Japan की Ghibli Art से समझ सकते हैं। Ghibli Art को तैयार करने में आर्टिस्टों को करीब 60 साल का समय लगा था। पर उनकी उस मेहनत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने कुछ ही साल में सीख लिया, जो यह दर्शाता है कि यह कितनी पावरफुल और आधुनिक चीज है। जो किसी आर्ट को केवल कुछ सालों में सीख सकती है, वह कुछ भी करने में सक्षम हो सकती है।

Artifical Intelligence के फायदे

अगर दिखा जाए तो इसके कई फायदे हैं, जैसे कि यह आपके वॉइस चैट से आपके मन के अंदर दबे मानसिक, शारीरिक, और व्यक्तिगत झूठ, छाल, भ्रांतियाँ, और मरोड़ को कम कर देता है। क्योंकि इसके पास इंटरनेट का एक्सेस होता है, जिससे यह आपको हर प्रकार के ज्ञान, सुझाव, बात, और चैट कर सकता है। आप इससे अपनी काम की सारी बातें जान सकते हैं।

यह स्वयं के विकास के नए आयाम खोलता है, बिना किसी शर्त के। अगर आप अपनी किसी काम में उलझ रहे हैं तो आप इसकी मदद ले सकते हैं। इस बात को आप इसी बात से समझ सकते हैं कि AI के आने के बाद Google पर इसकी मात्रा काफी तेजी से बढ़ी। लोगों ने इसका उपयोग अपने ज्ञान को बढ़ाने, लेखन, और सहायता के लिए किया था।

मेडिकल रिसर्च में इसका काफी उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि यह अधिक डेटा को मैनेज कर सकता है, जो कि एक रिसर्चर के लिए सिरदर्द से कम नहीं होता है। ऐसी स्थिति में इसकी मदद न सिर्फ कारगर होगी बल्कि सालों तक उलझे रहस्यों, मेडिकल शोध, थ्योरम्स, और गणितीय सूत्र को सुलझाने में इससे बढ़िया कोई विकल्प नहीं हो सकता। यह कई वर्षों का काम जल्दी ही कर सकता है।

Data Analysis करने में AI न सिर्फ आपको डेटा प्रोवाइड करता है, बल्कि यह उसे Analysis भी करता है, जो कि हमें अधिक जानकारी देता है। दूसरी चीजों के लिए हम डेटा की मदद से पर्यावरण, भौगोलिक, भूमंडल, और ब्रह्मांड की चीजों को समझ पाएंगे। डेटा के विषय में AI के पास इसे Analysis करना कोई बड़ी चुनौती नहीं होगी। साथ ही यह इसे मैनेज भी कर सकता है, जो कि अपने आप में बड़ी बात है। यह आपके लिए चार्ट्स, और आपको जिस भी चीज की जानकारी चाहिए, आप इससे स्पेसिफिक डेटा डिमांड कर सकते हैं।

लिटरेचर में सहयोग

AI कई काम के साथ साहित्य में भी अपना योगदान दे सकता है। आप इससे किसी भी लेखक, किताब, पीडीएफ, म्यूजिक, और लिरिक्स को जान सकते हैं। आपको इसे केवल प्रमोट देना होता है। यह आपके लिए उनके लिखे लेख, किताब, और शायरी भी दे सकता है। किसी भी नामी लेखक की शैली को समझ सकता है। उसमें सुधार कर सकता है। आपको उनकी ही शैली को और अधिक तरीकों से समझने में भी मदद कर सकता है। इससे हम उन लेखकों, निर्देशकों, और गीतकारों की छाप को देख कर उनके विषय के अतिरिक्त उनके मानसिक पटल को भी उकेर पाते हैं। जैसे किसी लेखक के लिखे शब्दों से उसने उसे किस प्रकार पिरोया होगा। उसके मन में क्या चल रहा होगा।

कोडिंग

AI अपने कोडिंग के लिए चर्चित है, आप इसे कोई भी कोड या डेटा दें। यह आपको कुछ ही मिनटों में उसे कोड के अंदर की दिक्कतें, सुझाव, और समाधान दे सकता है। उस कोड का आप सही से कैसे उपयोग कर सकते हैं, यह भी आपको बता सकता है। आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि आप कुछ ही मिनटों में इससे एक वेबसाइट और उसके संबंधित तकनीकी बातें जान सकते हैं। SEO में भी यह मददगार होता है। एक ऐप डेवलपर के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

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AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नुक़सान


AI ने हमारे जीवन को बेहतर तो बनाया है, पर साथ ही इसके नुक़सान भी हमें देखने को मिले हैं।

रोज़गार में कमी

AI के आने से लोगों को अपने रोज़गार में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। AI बेसिक से काम को खुद ही कर लेता है, जैसे कि पोस्टर्स बनाना, ग्राफ़िक डिज़ाइन, कोडिंग और भी कई क्षेत्रों में इसका या तो सीधा प्रभाव पड़ा है, या पड़ने वाला है। AI खुद सीख सकता है, और वह भी काफी तीव्रता से। तो लोगों को AI से रिप्लेस करना कोई बड़ी बात नहीं है।

यह बदलाव कंप्यूटर के बाज़ार में आने के समय भी इसकी चर्चा हुई थी, कि क्या एक मशीन 10 व्यक्तियों का काम खुद ही करेगी। तो इससे व्यक्तियों को नौकरी में बड़ी दिक्कत होगी। क्योंकि लोगों के पास पहले ही कमाई के साधन होते हैं, ऐसे में AI से डरना वाजिब ही है। अगर भारत में बेरोज़गारी दर 5.1% के आसपास है, वहीं वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 2025 के अनुसार 4.9% के आसपास है, जो कि बेरोज़गारी से जूझने वाले लोगों का है, तो हम इस बात को अनदेखा नहीं कर सकते कि AI के कारण लोगों की नौकरियाँ सलामत रहेंगी।

कला

अगर आप देखें तो पाएंगे कि कला ही एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें व्यक्ति इस बात के लिए आश्वस्त होता है कि कोई उसके ज्ञान, कला को कॉपी या उसके जैसे कुछ बना नहीं पाएगा। पर यह सही बात नहीं है, AI जिस गति से विकसित हो रहा है, अब यह बात कम ही जान पड़ती कि AI कला के क्षेत्र को प्रभावित नहीं करेगा। हालिया समय में आए गूगल आईओ में गूगल ने वॉय 3 का लॉन्च किया जो कि अपने आप में एक एक्साइटमेंट और कला के क्षेत्र को प्रभावित करने वाला था।

इसमें आप इमेज के साथ, वीडियो, और बैकग्राउंड साउंड को भी जनरेट कर सकते हैं। इतना ही नहीं, जिबिली आर्ट जिसे सालों तक मेहनत करके बनाया जाता है, उसे AI कुछ ही देर में बना देता है, तो हम ऐसा कह सकते हैं कि AI का प्रभाव कला पर भी पड़ेगा।

Researchers

यह बात सही है कि AI जल्दी से और कम समय में एक बड़े डेटा को न सिर्फ खोज सकता है, बल्कि उसका एनालिसिस भी कर सकता है। इससे व्यक्तियों को शोध में मदद के साथ-साथ उन्हें अपनी बुद्धि के उपयोग से भी दूर करने जैसा है। Researchers अब AI की मदद से रिसर्च करके अपना काम कर सकते हैं। AI रिसर्च को प्रभावित करेगा।

वास्तविक तथ्य

AI के साथ दिक्कत यह है कि यह उसी ज्ञान पर आधारित सुझाव या आइडिया देता है, जो कि या तो इसे ट्रेन करने के दौरान इनपुट किए गए होते हैं या इंटरनेट पर मौजूद होते हैं। ऐसे में AI किसी भी डेटा को अपने विवेक से सही या गलत नहीं कर सकता है। अगर कोई सूचना या जानकारी, जो आपको लगता है कि सही होनी चाहिए, पर AI उसे नकार सकता है, क्योंकि ऐसी कोई जानकारी उसके पास नहीं होती है।

AI आपको उसी समय तक की बातें और ज्ञान मिल सकता है जो कि उसे ट्रैंड करते हुए दी गई थीं। इसके साथ ही यह आपको कई जानकारियों को लेने से भी मना करता है, जो कि आपकी स्वतंत्रता को बाधित करता है। ऐसे में AI के न्यूट्रल होने पर भी सवाल उठ सकते हैं, यह किसी एक व्यक्ति, समुदाय, या लिंग के प्रति उसी ज्ञान को फैलाता है जो कि इंटरनेट पर मौजूद होता है। फिर चाहे वह सही हो या गलत।

प्लेज़रिज़्म

आपको यह बात सुनकर थोड़ी अजीब लग सकती है कि AI भी प्लेज़रिज़्म से नहीं बच पाया है, क्योंकि यह बिना आपकी अनुमति के आपके लिखे लेखों, साहित्य, और अनुसंधान, जिसे आपने मेहनत से लिखा होता है, उसे बिना किसी अनुमति के सार्वजनिक कर सकता है। इससे आपके ज्ञान की चोरी होती है। इसलिए AI पर हमेशा प्लेज़रिज़्म की चोरी का आरोप लगता रहता है।

AI के साथ संभावनाएं है?

AI इंटेलिजेंस सिक्के के दो पहलुओं के समान है, जो कि अपने साथ फायदे और नुकसान दोनों लेकर आई है। अगर हम इसकी संभावनाओं की बात करें तो AI कई सारी नौकरियों को भी बढ़ावा देगी, जिसमें शामिल हैं AI Engineers, Machine Learning Engineers, Data Scientists और Robotic Engineers। इसके साथ ही AI Trainers और AI Assistants in Healthcare भी हैं। AI की मदद से हम अपने काम को गति दे सकते हैं। यह हमारे लिए नए तरीकों को खोजता है।

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Digvijay Rathor

दिग्विजय राठौर एक अनुभवी टेक एक्सपर्ट और कंटेंट क्रिएटर हैं, जो TechBiz9 पर तकनीक से जुड़ी हर छोटी-बड़ी खबर, गाइड और रिव्यू को सरल भाषा में प्रस्तुत करते हैं। इन्हें मोबाइल, लैपटॉप, स्मार्टवॉच, और नए गैजेट्स के बारे में गहराई से जानकारी है। तकनीकी दुनिया में हो रहे हर बदलाव को ये बारीकी से समझते हैं और पाठकों तक विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी पहुँचाते हैं।

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