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eSIM 1 Excellent Option: पुराने Pysical SIM को कहें अलविदा, जानिए eSIM के बारे में

By Digvijay Rathor

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Image of eSIM in device with QR.
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eSIM: हम सभी अपने मोबाइल फोन में सिम कार्ड का प्रयोग करते हैं, जो कि हमारे मोबाइल फोन का एक अहम हिस्सा है या कहें कि मोबाइल फोन इसके अभाव में निरर्थक है। आप इसका कुछ भी उपयोग नहीं कर सकते हैं। न आप इससे कॉल कर सकते हैं, न मैसेज, न इंटरनेट को एक्सेस कर सकते हैं। इसका अर्थ है कि यह आपके मोबाइल के लिए अति आवश्यक है। सिम न हो तो मोबाइल किसी काम का नहीं रह जाता है।

SIM (Subscriber Identity Module और Subscriber Identification Module) आपके लिए काफी मायने रखता है। परंतु इसमें आपको एक अड़चन देखने को मिलती है। आपको हमेशा से इसे संभालकर रखना होता है। यदि किसी कारण से खराब होने, छतिग्रस्त होने या चोरी होने की स्थिति में आपके पास इसे प्राप्त करने के सीमित विकल्प होते हैं। ऐसे में eSIM काफी कारगर साबित हो सकती है।

eSIM, जिसका अर्थ है Embedded SIM, जो कि काम फिजिकल सिम के सामान ही है। आपको इसे अपने डिवाइस में ही एक्टिवेट करना होता है, यह पहले से ही मौजूद होता है। आपको केवल अपने फोन को Wi-Fi से कनेक्ट करना होता है, और कुछ निर्देशों का पालन करना होता है। eSIM मोबाइल नेटवर्क से कनेक्ट करने के लिए जरूरी डेटा को स्टोर करता है, ठीक Physical SIM के सामान।

इसमें सबसे बढ़िया बात यह है कि आप इसमें एक ही सिम में कई नंबर या प्लान को रख सकते हैं, जो कि Physical SIM के साथ करना कठिन है। आप अपने पसंदीदा eSIM को आसानी से बदल भी सकते हैं, यह इतना आसान है जैसे आप एक QR कोड को डाउनलोड करके नया प्रोफाइल डाउनलोड करें। कई नए डिवाइस eSIM को सपोर्ट करते हैं, जैसे कि Verizon Gizmo Watch 3, जो कि बच्चों की एक स्मार्टवॉच है।

eSIM के फायदे

eSIM के कई फायदे हैं, आपको इसमें किसी भी Physical SIM की कोई जरूरत नहीं होती है। न ही आपको इसे संभालने की आवश्यकता होती है। आप अपनी पसंद के मुताबिक इसे ट्रांसफर या बदल सकते हैं, जिससे इस पर आपका ज्यादा नियंत्रण हो पाता है। इसके खोने या गुम होने की भी चिंता नहीं करनी होती है। आप इसे अपने डिवाइस से ही एक्टिवेट कर सकते हैं। यह ज्यादा सुरक्षित और टिकाऊ होती है, क्योंकि इसमें डैमेज होने की कोई चिंता ही नहीं होती है

eSIM के नुकसान

Image demonstrating eSIM in two devices.

हर सिक्के के दो पहलू के समान eSIM के भी कुछ नुकसान हैं। इसमें आपको सीमित डिवाइस का सपोर्ट मिलता है। eSIM को सभी डिवाइस ने अपग्रेड नहीं किया है, इस कारण से आपको नए और प्रीमियम फोन में ही इसका एक्सेस मिलता है। पुराने फोन में आपको यह सुविधा नहीं मिलती है। इसके साथ ही आपको इंटरनेट की भी जरूरत होती है, जो कि शहरी इलाकों को छोड़ दें तो ग्रामीण क्षेत्रों में इसे सक्रिय करने और प्रोफाइल को स्विच करने में आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

इसमें एक चिंता प्राइवेसी को लेकर भी होती है, क्योंकि eSIM को आसानी से हटाया नहीं जा सकता है। इस स्थिति में नेटवर्क प्रोवाइडर आपकी लोकेशन को आसानी से ट्रैक कर सकता है। इसमें हैकिंग का भी खतरा होता है, चूंकि यह इंटरनेट से एक्सेस होता है, तो ऐसी में इसे हैक करना कोई जटिल कार्य नहीं हो सकता है।



आप इंटरनेशनल कॉलिंग करते हैं, तो आपको कुछ सीमाओं की पाबंदी देखने को मिल सकती है। एक और खतरा है यदि आपका फोन खो जाता है या खराब हो जाता है, इस हाल में आप अपने डेटा का बैकअप नहीं ले पाते हैं, जिससे आपकी कनेक्टिविटी बंद हो जाती है।

बिंदुफिज़िकल सिम (Physical SIM)ई-सिम (eSIM)
परिभाषाएक छोटा कार्ड जो मोबाइल में डाला जाता हैएक डिजिटल सिम जो डिवाइस में इनबिल्ट होता है
शारीरिक रूप (Form)Nano/Micro/Standard साइज का कार्डकोई फिज़िकल कार्ड नहीं, सिर्फ़ सॉफ़्टवेयर आधारित
इंस्टॉलेशनहाथ से सिम ट्रे में डालनी होती हैQR कोड या ऐप से डिजिटल रूप में एक्टिवेट की जाती है
सुविधाबदलने के लिए सिम निकालनी होती हैनंबर बदलना, प्लान अपडेट करना आसान
डिवाइस ट्रांसफरसिम कार्ड निकालकर दूसरे फोन में डाल सकते हैंसेटिंग्स से ट्रांसफर करना होता है, आसान नहीं
सेक्योरिटीचोरी होने पर सिम निकालकर गलत इस्तेमाल हो सकता हैसुरक्षित, डिवाइस में लॉक होती है
सपोर्टसभी फोन्स में सपोर्टेडकेवल ई-सिम सपोर्टेड डिवाइसेस में काम करता है
नेटवर्क शिफ्टिंगसिम बदलनी होती हैएक से ज़्यादा प्रोफाइल सेव कर सकते हैं
उपयोग में आसानीआम लोगों के लिए जाना-पहचाना तरीकाटेक-सैवी यूज़र्स के लिए बेहतर विकल्प

India में eSIM India में आमतौर पर सभी टेलीकॉम कंपनियों के पास eSIM मिल जाता है, तो आपको इसे एक्सेस करने में कोई दिक्कत नहीं होगी, चाहे आप Jio, Airtel, Vodafone Idea (Vi) हों या BSNL। अगर आप इसे आंकड़ों की दृष्टि से देखें, तो India में करीब 50 मिलियन लोग eSIM के उपयोगकर्ता हैं। इस नंबर में 2025 तक 100 मिलियन होने की संभावना है।

eSIM को आपको फिजिकली संभालकर नहीं रखना होता है। इसे उपयोग करने के लिए आपको अपने डिवाइस में इसे Wi-Fi या इंटरनेट के द्वारा सक्रिय करना होता है। इसके बाद आप इसे उपयोग कर सकते हैं। यह काफी सुरक्षित और टिकाऊ है, जो कि लंबे समय तक आपका साथ निभा सकता है।

आपको इसमें SIM को बदलने या ट्रांसफर करना काफी आसान है। लेकिन इसमें कुछ चुनौतियां भी हैं। खो जाने या डिवाइस के बिगड़ जाने पर आप त्वरित डेटा को रिस्टोर कर सकते हैं। इंटरनेट पर आधारित होने से इसके हैक होने या प्राइवेसी भंग होने की चिंता भी होती है। इसमें आपको सीमित कनेक्टिविटी ही देखने को मिलती है। आप इससे प्रीमियम प्रोडक्ट्स को ही एक्सेस कर सकते हैं।

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Digvijay Rathor

दिग्विजय राठौर एक अनुभवी टेक एक्सपर्ट और कंटेंट क्रिएटर हैं, जो TechBiz9 पर तकनीक से जुड़ी हर छोटी-बड़ी खबर, गाइड और रिव्यू को सरल भाषा में प्रस्तुत करते हैं। इन्हें मोबाइल, लैपटॉप, स्मार्टवॉच, और नए गैजेट्स के बारे में गहराई से जानकारी है। तकनीकी दुनिया में हो रहे हर बदलाव को ये बारीकी से समझते हैं और पाठकों तक विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी पहुँचाते हैं।

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