जहां बहुत से देश 5G टेक्नोलॉजी को अपनाने में लगे हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ भारत 6G की दिशा की तरफ आगे बढ़ा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि, IIT Hyderabad ने 6जी टेक्नोलॉजी का प्रोटोटाइप तैयार कर लिया है जिसका 7 गीगाहर्ट्ज पर परीक्षण किया गया। दिलचस्प बात यह है कि, यह रिसर्च सफल रहा है।
जिससे भारत को 6जी के क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी मिली है। आईआईटी हैदराबाद भारत की 6G टेक्नोलॉजी की यात्रा में आगे है। विभिन्न सरकारी संस्थानों और विभागों के सहयोग से आईआईटी हैदराबाद ने 7 गीगाहर्ट्ज़ बैंड में 6G प्रोटोटाइप का सफर परीक्षण किया है।
6G कब तक होगा रोलआउट ?
आईआईटी की प्रमुख दूरसंचार शोधकर्ता प्रोफेसर किरण कुची ने बताया कि, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) हैदराबाद का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत 6जी टेक्नोलॉजी को आकार देने में न केवल भागीदार बल्कि एक प्रमुख खिलाड़ी बना जाए। वहीं किरण कुची ने आगे कहा कि, 6G Internet 2030 तक रोलआउट कर दिया जाएगा।
हर जगह मिलेगा फास्ट इंटरनेट
इस मामले को लेकर, प्रोफेसर कुची ने बताया कि, 6G तकनीक न केवल मौजूदा 5जी की तुलना तेज होगा। बल्कि इस नई तकनीक की वजह से आसमान, गांव, शहर, समंदर, जमीन हर जगह लोगों को हाई स्पीड कनेक्टिविटी का फायदा मिलता रहेगा। IIT हैदराबाद की प्रोफेसर किरन कुची ने बताया कि, आने वाले हर एक दशक में न्यू जेनरेशन मोबाइल टेक्नोलॉजी दुनिया के सामने पेश की जाती है।

जैसे कि, 2010 से 2020 के बीच 5G टेक्नोलॉजी को डेवलप किया गया था और 2022 से इस तकनीक का देशभर में विस्तार होना शुरू हो गया। 2021 से 6जी प्रोटोटाइप को बनाने की शुरुआत हो गई थी और 2030 तक इसके रोलआउट करने की उम्मीद जताई जा रही है।
2047 का सपना होगा पूरा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी हैदराबाद ने 6G टेक्नोलॉजी के लिए लो पावर सिस्टम चिप को डिजाइन कर दिया है। लेकिन, अभी IIT हैदराबाद 6GAI हाई परफॉर्मेंस चिप को तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं।
बता दें कि, 2030 में जब 6G को दुनिया में अपनाया जाएगा तो उस समय भारत भी खुद की टेक्नोलॉजी, प्रोडक्ट्स और खुद के इकोसिस्सटम के जरिए Viksit Bharat 2047 विजन के और करीब पहुंचने की कोशिश करेगा।
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