डिजिटल पेमेंट्स की दुनिया में UPI एक भरोसेमंद माध्यम माना जाता है। अब NPCI (National Payments Corporation of India) ने इसे पहले से ज़्यादा फ्लेक्सिबल और आसान बनाने के लिए बड़े बदलाव का ऐलान किया है। बता दें, 15 सितंबर से UPI ट्रांजैक्शन लिमिट्स को कई कैटेगरी में बढ़ा दिया जाएगा।
अब लोग कैपिटल मार्केट, इंश्योरेंस, ट्रैवल, बिज़नेस से संबंधित पेमेंट्स, फॉरेन एक्सचेंज और डिजिटल अकाउंट ओपनिंग जैसे क्षेत्रों में ज्यादा रकम का लेन-देन आसानी से कर सकेंगे। यह कदम डिजिटल इकॉनमी को मजबूत बनाएगा। कैशलेस इंडिया की दिशा में भारत का यह बड़ा कदम है।
NPCI की भूमिका क्या है?
NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) दरअसल RBI और IBA द्वारा संचालित एक गैर-लाभकारी संस्था है। भारत में यह डिजिटल पेमेंट्स और सेटलमेंट सिस्टम को मैनेज करती है। जानकारी के लिए बता दें कि NPCI ने UPI, RuPay और BBPS जैसे कई डिजिटल पेमेंट टूल्स लॉन्च किए हैं।
UPI लिमिट में नया बदलाव
NPCI के द्वारा किए गए बदलाव के बाद अब लोग UPI के जरिए पहले से ज्यादा बड़ी राशि का लेन-देन कर पाएंगे। आइए नई लिमिट्स पर कैटेगरी के अनुसार नज़र डालते हैं:
कैपिटल मार्केट और इंश्योरेंस पेमेंट्स
अब एक ट्रांजैक्शन में ₹10 लाख तक और एक दिन में भी ₹10 लाख तक पेमेंट की सुविधा होगी। इसकी मदद से यूज़र्स अब इंश्योरेंस प्रीमियम से लेकर इंवेस्टमेंट्स और बड़े पेमेंट्स आसानी से कर पाएंगे।
क्रेडिट कार्ड रीपेमेंट
अब UPI से क्रेडिट कार्ड का भुगतान ₹5 लाख प्रति ट्रांजैक्शन तक किया जा सकेगा। वहीं, इसकी डे लिमिट ₹6 लाख तय की गई है।

ज्वेलरी की खरीददारी
अब लोग UPI से एक बार में ₹2 लाख तक ज्वेलरी खरीद सकते हैं। एक दिन में अधिकतम ₹6 लाख तक का भुगतान संभव होगा।
बिज़नेस और मर्चेंट पेमेंट्स
अब बिज़नेस और मर्चेंट ट्रांजैक्शन्स के लिए इसकी लिमिट ₹5 लाख प्रति ट्रांजैक्शन कर दी गई है।
डिजिटल अकाउंट खोलने और शुरुआती फंडिंग के लिए लिमिट ₹5 लाख है। बताते चलें कि शुरुआती फंडिंग के लिए ज़्यादा से ज़्यादा ₹2 लाख तक ट्रांसफर किया जा सकेगा।
PayPal और NPCI की नई साझेदारी
हाल ही में PayPal और NPCI ने एक नई पार्टनरशिप की है। इस पार्टनरशिप के चलते क्रॉस-बॉर्डर ट्रांजैक्शन्स आसान होगा। यह कदम इंटरनेशनल मनी ट्रांसफर और ऑनलाइन शॉपिंग के डायरेक्ट पेमेंट्स को आसान बनाने के लिए उठाया गया है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इसमें एक AI एजेंट भी शामिल होगा। एजेंट यूज़र्स की ओर से ऑटोमेटिक ऑनलाइन पर्चेज़ कर सकता है।
यह बदलाव 15 सितंबर से लागू होंगे। आने वाले समय में भारत कैशलेस इकॉनमी की ओर तेजी से आगे बढ़ सकता है।
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