अगस्त के शुरुआत में UPI के नियमों में कुछ बदलाव किया गया था। वहीं, अब एक बार फिर नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI के जरिए होने वाले बड़े डिजिटल पेमेंट में भी बदलाव लाने जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि, अब पेमेंट ट्रांजेक्शन भी आसान हो जाएगा।
जी हां, इस बार UPI ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाने की भी घोषणा की गई है। ये नए नियम इसी महीने 15 सितंबर 2025 से लागू होंगे। यानी Gpay-PhonePe चलाने वाले इन्हें अभी जान लें।
लिमिट में हुई बढ़ौतरी
ये नए बदलाव खासतौर पर पर्सन-टू-मर्चेंट यानी P2M ट्रांजैक्शन पर लागू किया जाएगा। जिसका मतलब यह है कि, अगर आप इंश्योरेंस प्रीमियम भरते हैं, लोन ईएमआई भरते हैं या फिर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं।
हालांकि, पर्सन-टू-पर्सन ट्रांजैक्शन यानी फैमिली या दोस्तों को पैसे भेजने की लिमिट पहले की तरह 1 लाख रुपये प्रतिदिन ही रहेगी। इसमें अभी किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा। चलिए जानते हैं कि UPI लिमिट में क्या-क्या बदल रहा है…
क्या-क्या बदल रहा है UPI लिमिट में?
- कैपिटल मार्केट इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस: यहां अब आप जल्द ही 2 लाख की जगह 5 लाख रुपये ट्रांजैक्शन कर पाएंगे और 24 घंटे में मैक्सिमम 10 लाख तक की ट्रांजैक्शन हो जाएगी।
- सरकारी ई-मार्केटप्लेस और टैक्स पेमेंट: इसकी लिमिट को भी 1 लाख से बढ़कर 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन कर दिया गया है।
- ट्रैवल बुकिंग: अब आप 1 लाख की जगह 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन, डेली कैप 10 लाख तक कर पाएंगे।
- क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट: एक बार में 5 लाख रुपये तक, लेकिन प्रतिदिन मैक्सिमम 6 लाख रुपये तक पेमेंट कर सकेंगे।

- लोन और ईएमआई कलेक्शन: इसकी लिमिट को भी बढ़कर 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन से मैक्सिमम 10 लाख रुपये प्रतिदिन कर दिया जाएगा।
- ज्वेलरी खरीदारी: नई लिमिट के बाद 1 लाख की जगह आप 2 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन, डेली कैप 6 लाख तक पेमेंट कर सकेंगे।
- टर्म डिपॉजिट: नई लिमिट के बाद यहां भी आप 5 लाख रुपये प्रति
- ट्रांजैक्शन कर सकेंगे जो पहले 2 लाख था।
फॉरेन एक्सचेंज पेमेंट में हुआ बदलाव
जानकारी के लिए बता दें कि, डिजिटल अकाउंट ओपनिंग में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। वहीं इसकी लिमिट आपको अभी भी 2 लाख ही देखने को मिलेगी। वहीं देखा जाए तो, BBPS के जरिए फॉरेन एक्सचेंज पेमेंट जल्द ही 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन और डेली कैप 5 लाख तक हो जाएगा।
इस मामले को लेकर NPCI का कहना है कि इन बदलावों से लोगों और कारोबारियों को काफी फायदा मिलने वाला है। इसी के साथ इससे बड़े डिजिटल पेमेंट करने में पहले की अपेक्षा ज्यादा आसानी होगी। इन बदलावों से कैशलेस लेनदेन को और बढ़ावा मिलेगा।